सावन के चौथे सोमवार को बिहार के जहानाबाद में श्रावणी मेले के दौरान Siddheshwarnath मंदिर में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना रविवार देर रात करीब 12 बजे की है।
प्रत्यक्षदर्शी मनोज के अनुसार, मंदिर के पास फूल दुकानदारों का लोगों से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई। लोग एक-दूसरे पर चढ़कर आगे बढ़ने लगे। मनोज ने बताया कि वह भी लाशों के नीचे दब गया था, लेकिन लोगों ने उसे खींचकर बाहर निकाला। उनका कहना है कि हादसे के लिए पुलिस और प्रशासन जिम्मेदार हैं, क्योंकि वहां कोई पुलिसकर्मी नहीं था।
लाठीचार्ज से मची भगदड़ का आरोप
मृतकों के परिजनों का आरोप है कि भगदड़ का कारण प्रशासन की लाठीचार्ज की कार्रवाई थी। बराबर पहाड़ी पर श्रद्धालु एक तरफ से उतर रहे थे और दूसरी तरफ से चढ़ रहे थे। आपा-धापी मचने पर प्रशासनिक कर्मचारियों ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई। श्रद्धालु जान बचाने के लिए भागने लगे और दब गए।
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप, एंबुलेंस से भेजे जा रहे शव
मृतक के परिजन कृष्ण कुमार ने बताया कि इस हादसे में करीब 50 लोगों की मौत हुई है। उनका कहना है कि प्रशासन ने सही व्यवस्था नहीं की थी और एंबुलेंस से 4-4 शवों को भेजा जा रहा है। कुछ शवों को हटा दिया गया है, जिससे लापरवाही का आरोप और भी बढ़ गया है।
प्रशासन ने कहा, स्थिति अब नियंत्रण में
घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई और राहत और बचाव कार्य में जुट गई। जहानाबाद DM अलंकृता पांडे ने बताया कि प्रशासन की ओर से तैयारी थी और वह और एसपी रात 12 बजे ही मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।
मृतकों में 5 महिलाएं, 2 पुरुष शामिल
इस हादसे में मारे गए 7 लोगों में 5 महिलाएं शामिल हैं। मृतकों में गया जिले की पूनम देवी, निशा कुमारी, सुशीला देवी, निशा देवी और दो पुरुषों में राजू कुमार और प्यारे पासवान शामिल हैं। एक महिला की पहचान नहीं हो सकी है, जिसकी शिनाख्त के प्रयास जारी हैं।