दिल्ली शराब नीति केस(Delhi liquor policy case) में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) की न्यायिक हिरासत(custody extended) अब 8 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट(Rouse Avenue Court) ने यह फैसला सुनाया और उन्हें तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग(video conferencing) के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। इससे पहले 12 जुलाई को कोर्ट ने उनकी हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ाई थी।
बता दें कि 17 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की सीबीआई गिरफ्तारी(CBI arrest) को चुनौती देने वाली याचिका और अंतरिम जमानत की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। करीब ढाई घंटे चली बहस के बाद कोर्ट ने बताया कि जमानत याचिका पर सुनवाई 29 जुलाई को होगी। सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री हैं, कोई आतंकवादी नहीं।
सिंघवी ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का उदाहरण देते हुए कहा कि इमरान खान को भी रिहा किया गया था, लेकिन उन्हें दूसरे मामले में फिर गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में ऐसा नहीं हो सकता। 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं, इसलिए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल को खुद तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं।
गिरफ्तारी और आरोप
केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें हिरासत में भेज दिया था। उनके खिलाफ दूसरा मामला सीबीआई का है। 9 जुलाई को ED ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट पेश की। 208 पेज की इस चार्जशीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को केस का सरगना और साजिशकर्ता बताया गया है।
चार्जशीट के आरोप
चार्जशीट में कहा गया कि स्कैम से मिले पैसे आम आदमी पार्टी (AAP) पर खर्च हुए हैं। ED ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने 2022 में गोवा चुनाव में AAP के चुनाव अभियान में यह पैसा खर्च किया। ED का दावा है कि केजरीवाल ने शराब बेचने के कॉन्ट्रेक्ट के लिए साउथ ग्रुप के सदस्यों से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपए गोवा चुनाव पर खर्च किए गए थे।
बचाव के दावे
ED ने चार्जशीट में यह भी कहा कि केजरीवाल ने दावा किया कि AAP के पूर्व मीडिया प्रभारी और इस केस के सह-आरोपी विजय नायर ने उनके नहीं, बल्कि मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम किया था। केजरीवाल ने कहा कि दुर्गेश पाठक गोवा के राज्य प्रभारी थे और फंड का प्रबंधन करते थे और फंड से संबंधित निर्णयों में उनकी खुद कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता से रिश्वत नहीं मिली थी।