Panipat शहर के गोहाना रोड पर स्थित सरदाना अस्पताल(Sardana Hospital) में एक बड़ा फर्जीवाड़ा(Big Fraud) हुआ है। अस्पताल की लैब चलाने वाले संचालक ने एक सीए के साथ मिलकर अस्पताल के नाम पर फर्जी दस्तावेज(fake document) और फर्जी फर्म बना(fake firm created) ली। इतना ही नहीं उन्होंने दो बैंक मैनेजरों की मदद से फर्जी फर्म के बैंक खाते भी खुलवा लिए।
इन बैंक खातों को आयुष्मान योजना में शामिल कर लिया गया, जिससे मरीजों का इलाज तो अस्पताल में हुआ, लेकिन इलाज की रकम इन फर्जी खातों में जाती रही। जब इस फर्जीवाड़े का पता चला तो अस्पताल की संचालिका, डॉ. वंदना सरदाना, ने पुलिस को इसकी शिकायत की। पुलिस को दी शिकायत में डॉ. वंदना सरदाना ने बताया कि वह गोहाना रोड स्थित सरदाना अस्पताल की मालिक हैं। उन्होंने जुलाई 2021 में अपने अस्पताल को सरदाना बेंज अस्पताल एलएलपी को 10 साल के लिए लीज पर दिया था। इस फर्म के पार्टनर विनोद जुनेजा, जाह्नवी सरदाना और मेसर्स सरदाना अस्पताल (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड हैं।

सरदाना अस्पताल में गांव काबड़ी के रहने वाले राजेश कुमार को डायग्नोस्टिक लैब चलाने की अनुमति मिली हुई थी। लेकिन अगस्त-सितंबर 2023 में राजेश कुमार ने बिना अस्पताल के पार्टनर और मालिक की जानकारी या अनुमति के, अपनी पत्नी शशि बाला के साथ मिलकर फर्जी पार्टनरशिप डीड तैयार की और सरदाना बेंज अस्पताल के नाम से फर्जी फर्म खोली। उन्होंने इसके लिए पैन कार्ड भी अप्लाई किया।
बैंक खातों का खुलवाना
राजेश कुमार ने इस फर्जी फर्म के नाम से दो बैंकों में खाते खुलवाए। आयुष्मान योजना का लाभ लेने के लिए उन्होंने फर्जी फर्म के सभी दस्तावेज, जैसे पार्टनरशिप डीड और नया बैंक खाता आदि, आयुष्मान योजना के तहत जमा करवा दिए। इससे सरदाना अस्पताल में इलाज होने पर रकम सीधे इन फर्जी खातों में जाती रही।
पुलिस की कार्रवाई
जब इस पूरे फर्जीवाड़े का पता चला, तो डॉ. वंदना सरदाना ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। घटना ने सभी को चौकन्ना कर दिया है और अस्पताल प्रबंधन को भी सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। पुलिस की जांच जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही दोषियों को सजा मिलेगी।