Haryana की बीजेपी(BJP) सरकार अल्पमत के खतरे में आ गई है। पृथला से निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत(Nayan Pal Rawat) ने बीजेपी(BJP) सरकार का साथ छोड़ दिया है। इससे बीजेपी(BJP) बहुमत के 44 के आंकड़े से दो कदम पीछे हो गई है और अब उनके पास सिर्फ 41 सीटें रह गई हैं। सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा(Gopal Kanda) का समर्थन बीजेपी(BJP) को प्राप्त है, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं है।
बता दें कि नयन पाल रावत के करीबियों का कहना है कि वे कल प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बारे में घोषणा कर सकते हैं। रावत हरियाणा सरकार और प्रशासनिक कामकाज से नाराज़ हैं। उनका कहना है कि उन्होंने पूरा सहयोग देने के बावजूद सरकार से अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। रावत के इस कदम से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में हलचल मच गई है। इससे पहले भी तीन निर्दलीय विधायक बीजेपी से समर्थन वापस ले चुके हैं। दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान, पूंडरी से रणधीर गोलन, और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोधर ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है, नयन पाल रावत भी कांग्रेस में जा सकते हैं। वे फरीदाबाद जिले की पृथला विधानसभा सीट से विधायक हैं और पिछले दो चुनावों में फरीदाबाद क्षेत्र में बीजेपी के पक्ष में माहौल रहा है।

पिछले चुनाव में निर्दलीय जीतने के बाद उन्होंने बीजेपी सरकार को समर्थन दिया था। लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में रावत ने देखा कि माहौल बीजेपी के खिलाफ है, जिसके चलते उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले ही अपनी राह अलग चुनने का फैसला किया है। चर्चा है कि चुनाव के वक्त रावत कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इसका खुलासा वे कल चंडीगढ़ में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में करेंगे।
विधानसभा में 87 विधायक बचे
हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। रानियां से विधायक रणजीत चौटाला के इस्तीफे, वरुण चौधरी के सांसद बनने और बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन के बाद विधानसभा में 87 विधायक बचे हैं। इससे बहुमत का आंकड़ा 46 से घटकर 44 हो गया है। हरियाणा में कांग्रेस के पास 29 विधायक हैं। इसके अलावा, JJP के 10 और इनेलो का एक विधायक है। 4 निर्दलीय विधायक भी हैं।

दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत याचिका
अगर नयन पाल रावत विपक्ष के साथ आ गए तो विपक्ष के पास कुल 45 विधायक हो जाएंगे। हालांकि JJP ने अपने दो विधायकों जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा के खिलाफ और कांग्रेस ने किरण चौधरी के खिलाफ स्पीकर को दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत याचिका दी हुई है। अगर यह याचिका मंजूर होती है, तो भी विपक्ष के पास ज्यादा विधायक होंगे।