शहरी स्थानीय निकाय मंत्रालय में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ बीजेपी(BJP) एक्शन शुरू हो गया है। बुधवार को शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा(Subhash Sudha) ने 3 अलग-अलग जिलों के अधिकारियों को सस्पेंड(suspends 3 officer) कर दिया। मंत्री को इन तीनों अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें(corruption begin) मिली थीं, जिसके बाद उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई(action against) की गई।
फतेहाबाद जिले की भूना नगर पालिका में कार्यरत अकाउंटेंट सुरेश शर्मा के खिलाफ लंबे समय से भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही थीं। जब ये शिकायतें मंत्री सुभाष सुधा तक पहुंचीं, तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से सुरेश शर्मा को सस्पेंड कर दिया। सुरेश शर्मा पर आरोप था कि वह नगर पालिका के वित्तीय मामलों में गड़बड़ी कर रहे थे। सिरसा जिले के रानिया नगर पालिका के सेक्रेटरी के खिलाफ भी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं। मंत्री सुधा ने बताया कि सेक्रेटरी पर आरोप थे कि वह अपनी जिम्मेदारियों का गलत फायदा उठा रहे थे और नगर पालिका के कामकाज में बाधा डाल रहे थे। इन शिकायतों के आधार पर सेक्रेटरी को भी सस्पेंड कर दिया गया।

जींद जिले के नरवाना नगर पालिका के एक एमई के खिलाफ भी भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायत मिली थी। इस शिकायत में कहा गया था कि एमई ने 5 करोड़ की सरकारी जमीन पर कब्जा करवाने में मदद की थी। मंत्री सुधा ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया और एमई को सस्पेंड करने के साथ ही विभागीय जांच के आदेश दिए। मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पूरे प्रदेश में कार्रवाई
सुभाष सुधा ने बताया कि बहुत कम समय के अंदर पूरे प्रदेश में 30 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद कार्रवाई की गई है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वह अपनी कार्यशैली को सुधार लें, वरना उनके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
मंत्री सुधा ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारा उद्देश्य प्रदेश की जनता की भलाई के लिए कार्य करने का है और इसमें किसी भी तरह की बाधा नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।