Chandigarh में नए मेयर के चुनाव से कुछ घंटे पहले ही मौजूदा मेयर कुलदीप टीटा और उनके साले राहुल के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है। चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने दोनों पर सफाईकर्मी की नौकरी लगवाने के नाम पर 75 हजार रुपये लेने का आरोप लगाया है। यह मामला तब सामने आया जब पीड़ित रवि ने चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद सबूतों के आधार पर FIR दर्ज की गई।
पुलिस अब मेयर और उनके साले को गिरफ्तार करने की तैयारी में है। अगर चुनाव से पहले गिरफ्तारी होती है, तो यह पूरी चुनावी स्थिति को प्रभावित कर सकता है। इस बीच, सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) हाई कोर्ट में गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर कर सकती है।
इस घटनाक्रम ने चंडीगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है, क्योंकि 30 जनवरी को नए मेयर का चुनाव होना है। भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद भाजपा ने मेयर के इस्तीफे की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जबकि AAP ने इसे बीजेपी की राजनीति से प्रेरित साजिश बताया है।
यह पहला मौका है जब चंडीगढ़ के किसी सिटिंग मेयर पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हुआ है। शिकायतकर्ता ने बताया कि नगर निगम में आउटसोर्स पर नौकरी दिलवाने के नाम पर उससे 1 लाख रुपये की मांग की गई थी, जिसमें 75 हजार रुपये नकद और 35 हजार रुपये ऑनलाइन दिए गए थे।
AAP का आरोप: बीजेपी की साजिश
चंडीगढ़ AAP के सह-प्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया ने इस मामले को झूठ का पुलिंदा बताते हुए आरोप लगाया कि भाजपा चुनाव हारने की स्थिति में इस तरह की झूठी शिकायतों के माध्यम से लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि AAP और उसके पार्षद इन झूठी शिकायतों से डरने वाले नहीं हैं और भाजपा को मेयर चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा।
बीजेपी पर अतीत में भी झूठी शिकायतें दायर करने का आरोप
डॉ. आहलूवालिया ने पिछले साल के मेयर चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा ने उस समय भी झूठी शिकायतें दर्ज करवाई थीं और चंडीगढ़ को बदनाम करने की कोशिश की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने मेयर कुलदीप कुमार और AAP नेता हरजिंदर बावा के खिलाफ एक पार्षद के अपहरण की शिकायत दर्ज की थी, जो बाद में झूठी साबित हुई।