हरियाणा के Panipat में आज एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ, जब रेलवे ट्रैक पर लोहे का 20 फुट लंबा एंगल रखा गया था। हालांकि, रेलवे इंजन के लोको पायलट की सतर्कता ने एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। लोको पायलट ने इस एंगल को ट्रैक से हटा दिया और स्टेशन पर मामले की सूचना दी। इसके बाद राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने मामले की जांच शुरू की और अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया।
साजिश का स्थल वही, जहां 18 साल पहले हुआ था समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट
यह साजिश ठीक उसी स्थान पर रची गई, जहां 18 साल पहले भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में 68 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। GRP टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और रेलवे के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर की शिकायत पर केस दर्ज किया।
कैसे हुई साजिश: रेलवे ट्रैक पर रखा गया लोहे का एंगल
GRP प्रभारी एसआई बलवान सिंह ने बताया कि सुबह 6:42 बजे स्टेशन मास्टर से एक लिखित सूचना मिली कि पानीपत-दीवाना के बीच डाउन लाइन पर एक लोहे का टुकड़ा ट्रैक पर पाया गया है। बाद में पता चला कि यह एक त्रिकोणीय एंगल था, जिसकी लंबाई करीब 20 फुट और मोटाई 2 इंच थी। एंगल को डाउन मेन लाइन पर रखा गया था, जिससे रेलगाड़ी को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची जा रही थी।
लोको पायलट की सावधानी से बचा बड़ा हादसा
पानीपत से दीवाना स्टेशन जा रहे पावर इंजन के लोको पायलट की नजर एंगल पर पड़ी। इंजन की गति ज्यादा नहीं होने के कारण लोको पायलट ने समय रहते इंजन को रोका और एंगल को साइड में रख दिया। इसके बाद उसने स्टेशन मास्टर को सूचना दी और पुलिस को सूचित किया।
CCTV और आरोपी की तलाश
थाना प्रभारी बलवान सिंह के अनुसार, यह एंगल दोनों ट्रैक पर रखा गया था, और इसके पीछे रेलगाड़ी को नुकसान पहुंचाने की मंशा थी। पुलिस ने CCTV कैमरों की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश की जा रही है।
समझौता एक्सप्रेस धमाका: 18 साल पहले हुआ था बड़ा हादसा
यह वही स्थान है जहां 18 फरवरी 2007 को भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में बम धमाका हुआ था। इस धमाके में 68 लोगों की मौत हो गई थी और 13 लोग घायल हुए थे। मारे गए लोगों में अधिकांश पाकिस्तानी नागरिक थे। बाद में पुलिस ने इस मामले में इंदौर से संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, जो इस धमाके में शामिल थे।





