पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मनमोहन सिंह की बेटी ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। सेना की तोपगाड़ी पर उनका पार्थिव शरीर निगमबोध घाट पर लाया गया, इसके बाद राजकीय सम्मान के बाद अंतिम संस्कार की रस्में पूरी की गईं। जिनमें उनका परिवार और देश के बड़े नेता उपस्थित हैं।
मनमोहन सिंह की तीन बेटियां— उपिंदर सिंह (65), दमन सिंह (61), और अमृत सिंह (58)— उनके अंतिम संस्कार के समय मौजूद हैं। घाट पर कांग्रेस के प्रमुख नेता जैसे सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, और राहुल गांधी भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मनमोहन सिंह को अंतिम विदाई देने पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस भावुक क्षण में, मनमोहन सिंह की पसंदीदा नीली पगड़ी उन्हें पहनाई गई। यह पगड़ी उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, क्योंकि उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के रंगों को याद रखते हुए इसे अपने सिग्नेचर कलर के रूप में अपनाया था।
स्मारक को लेकर गरमा गरम विवाद
डॉ. सिंह के अंतिम संस्कार के बीच उनके स्मारक को लेकर कांग्रेस और सरकार आमने-सामने आ गए। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने देश के पहले सिख प्रधानमंत्री के लिए स्मारक बनाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार से मांग की थी कि जहां डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार हो, वहीं उनका स्मारक बनाया जाए। हालांकि, गृह मंत्रालय ने देर रात बयान जारी कर कहा कि स्मारक की सही जगह तय करने में कुछ दिन लगेंगे।
अंतिम दर्शन में उमड़ी भावनाओं की लहर
डॉ. मनमोहन सिंह की पार्थिव देह को सुबह 9:30 बजे उनके आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाया गया, जहां उनकी पत्नी गुरशरण कौर और बेटी दमन सिंह ने अंतिम श्रद्धांजलि दी। राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी सहित कई कांग्रेस नेताओं ने उनके अंतिम दर्शन किए।
एक युग का अंत
डॉ. सिंह, जो देश के 14वें प्रधानमंत्री थे, का गुरुवार रात 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे डॉ. सिंह को गुरुवार रात उनके आवास पर बेहोश होने के बाद दिल्ली AIIMS ले जाया गया, जहां उन्होंने रात 9:51 बजे अंतिम सांस ली।