➤कुबेरेश्वर धाम में कांवड़ यात्रा के दौरान 4 श्रद्धालुओं की मौत
➤चक्कर आकर गिरने और भगदड़ में मौतें, दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल
➤भारी भीड़ के बीच पंडित प्रदीप मिश्रा ने भव्य आयोजन किया
मध्य प्रदेश के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में चल रही पंडित प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा श्रद्धा के साथ-साथ हादसों का भी कारण बन गई। बुधवार को इस आयोजन में हिस्सा लेने आए चार श्रद्धालुओं की अलग-अलग कारणों से मौत हो गई।
मरने वालों में दो पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, गुजरात से आए 50 वर्षीय चतुर सिंह और हरियाणा के 65 वर्षीय ईश्वर सिंह की अचानक चक्कर आकर गिरने से मौत हो गई। एक की मौत कुबेरेश्वर धाम परिसर में हुई जबकि दूसरा व्यक्ति पास के होटल के बाहर गिर पड़ा।
इसके अतिरिक्त भगदड़ की स्थिति में मची अफरा-तफरी के दौरान दो महिलाओं की भी मौत हुई थी, जिनकी पहचान अब सामने आ चुकी है। मृतकों में जसवंती बेन (56) राजकोट, गुजरात और संगीता गुप्ता (48) फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश की निवासी थीं।

घटनाएं यहीं नहीं थमीं। हरियाणा की एक महिला सुनीता कांवड़ लेकर भोपाल-इंदौर हाईवे पर चल रही थी, जब वह गिरकर घायल हो गई। वहीं मथुरा से आई पूजा सैनी नाम की महिला भी कुबेरेश्वर धाम में गिरने से घायल हो गई।

बताया जा रहा है कि मंगलवार देर रात से ही इंदौर-भोपाल हाईवे पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगी थी। अनुमान है कि इस यात्रा में लगभग ढाई लाख श्रद्धालु देशभर से पहुंचे। यात्रा सीवन नदी से शुरू होकर करीब 11 किलोमीटर चलकर कुबेरेश्वर धाम तक पहुंची।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बताया कि श्रावण मास में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर वास करते हैं। इस दौरान उपवास, सेवा और पूजन का विशेष महत्व होता है। उन्होंने कहा कि कलियुग में यह शिव युग की वापसी का प्रतीक है।
श्रद्धालुओं ने बताया कि आयोजन भव्य जरूर है लेकिन भीड़ इतनी है कि चलना भी मुश्किल हो रहा है। वाहनों में लोग खचाखच भरे हुए हैं और सांस लेना भी कठिन हो गया है। इसके बावजूद धाम पहुंचकर दर्शन करने का अनुभव दिव्य और आनंददायक रहा।