जेल से बाहर निकलते ही गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया किसे बनना चाहिए हरियाणा का सीएम

बड़ी ख़बर

भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी को आज शाम जिला कारागार कुरुक्षेत्र से रिहा कर दिया गया। उनके साथ गिरफ्तार अन्य आठ किसान नेताओं को भी आज ही रिहा किया गया।

रिहाई की खबर पाकर जिला कारागार के सामने आज सुबह से ही किसानों और किसान संगठन से जुड़े नेताओं का जमावड़ा लगने लगा था। कागजी कार्यवाई में लग रही देरी और सड़क पर जमा हो रही भीड़ के चलते जेल प्रशासन ने लोगों से मुख्य सड़क खाली करने का अनुरोध करना पड़ा।

शाम छह बजे के बाद प्रशासन ने चढूनी सहित रिहा हुए नौ नेताओं को अपनी गाड़ियों में बिठाकर पिपली के देवीलाल पार्क तक पहुंचाया। यहां पहले से मौजूद किसानों ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया। जेल से रिहा हुए किसानों के स्वागत में ढोल-नगाड़े भी बजते रहे।

किसानों की मांग क्या थी

बता दें कि छह-सात जून को शाहाबाद में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसान महापंचायत का आयोजन किया था। इसमें किसानों ने प्रशासन के सामने सूरजमुखी की फसल को एमएसपी के आधार पर खरीद करने की मांग रखी थी।

प्रशासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन न मिलने के बाद किसानों ने शाहाबाद में जीटी रोड जाम कर दिया। हाईवे को रोकने का मामला कोर्ट में पहुंच गया। कोर्ट ने प्रशासन को हाईवे खाली कराने का आदेश दिया।

कोर्ट के आदेश को बहाना बनाकर पुलिस ने किसानों पर बल प्रयोग कर हाईवे खाली कराने की कोशिश की। इस दौरान गुरनाम सिंह चढूनी सहित नौ किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया।

किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भारतीय किसान यूनियन ने 12 जून को पिपली में महापंचायत का आयोजन किया। महापंचायत में किसानों ने प्रशासन के सामने दो मांगे रखीं। इसमें गिरफ्तार नेताओं की रिहाई और सूरजमुखी की एमएसपी पर खरीद की मांग शामिल थी।

पुलिस के बल प्रयोग से बिगड़ी बात

प्रशासन की ओर कोई जवाब न मिलने पर 12 जून को ही एक बार फिर से जीटी रोड को किसानों ने जाम कर दिया। हालांकि, इस दौरान आवश्यक सेवाओं जैसे कि एंबुलेंस, सेना के वाहन और अन्य जरूरी सेवाओं से जुडे़ वाहनों के आवागमन पर किसी तरह बाधा नहीं पहुंचाई गई।

13 जून को किसानों की लोकल कमेटी और प्रशासन के बीच वार्ता शुरू हुई। देर रात प्रशासन ने किसानों की दोनों मांगों को स्वीकार कर लिया। प्रशासन के फैसले के बाद 15 जून की शाम गुरनाम सिंह चढूनी सहित नौ किसान नेताओं को रिहा कर दिया गया।

हरियाणा सीएम के बारे में क्या बोले चढूनी

रिहाई के बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सीएम बनने के योग्य नहीं हैं। उन्होंने बीजेपी नेतृत्व को सलाह दी कि उन्हें खट्टर की जगह अनिल विज जैसे किसी व्यक्ति को सीएम बनाना चाहिए।

किसानों पर लगाए आरोपों और धाराओं के बारे में उन्होंने कहा कि यह मामले पूरी तरह फर्जी हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि जब किसान सड़क पर उतरे तो प्रशासन को उनकी दोनों ही मांगे माननी पड़ीं।