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Haryana विधानसभा चुनाव: 8 अक्टूबर को होगी मतगणना, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

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Haryana में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो चुका है, और अब 8 अक्टूबर को मतगणना की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए आज रिहर्सल आयोजित की जाएगी। 53 स्ट्रॉन्ग रूमों में ईवीएम मशीनें रखी गई हैं, जिनकी सुरक्षा के लिए थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

पुलिस अधिकारी किशन चंद ने बताया कि सुरक्षा की पहली लेयर में ITBP (इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस), दूसरी लेयर में आर्म्ड फोर्स, और तीसरी लेयर में हरियाणा पुलिस के जवान तैनात हैं। हर स्ट्रॉन्ग रूम पर सीसीटीवी कैमरे के जरिए सुरक्षा पर नजर रखी जा रही है।

पार्टियों के कैंडिडेट्स की नजरें

विधानसभा चुनाव में भाग ले रहे विभिन्न पार्टियों के कैंडिडेट और उनके अधिकृत एजेंट कंट्रोल रूम में सीसीटीवी के माध्यम से पूरे हालात पर नजर रख रहे हैं। कई जिलों में कांग्रेस और अन्य दलों ने ईवीएम की सुरक्षा के लिए अपने स्तर पर भी इंतजाम किए हैं। कुछ कैंडिडेट्स के कार्यकर्ता स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर टेंट लगाकर बैठे हैं, जिसमें लाडवा से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी मेवा सिंह के वर्कर भी शामिल हैं।

एग्जिट पोल के अनुसार कांग्रेस को मिल सकता है बहुमत

5 अक्टूबर की शाम को आए एग्जिट पोल में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता दिख रहा है। दूसरी ओर, कार्यवाहक सीएम नायब सैनी ने कहा है कि उन्हें विश्वास है कि भाजपा अकेले सरकार बनाएगी, लेकिन यदि गठबंधन की आवश्यकता पड़ी तो इस पर विचार किया जाएगा।

स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा

कैथल में स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता डेरा डालकर बैठे हुए हैं, उनका कहना है कि वे सरकार के इशारे पर ईवीएम में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं होने देंगे। कई जिलों में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता स्ट्रॉन्ग रूम के कंट्रोल रूम से ही अपनी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। प्रशासन की ओर से सभी जिलों में स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा के पुख्ता दावे किए गए हैं।

स्ट्रॉन्ग रूम क्या है?

स्ट्रॉन्ग रूम वह स्थान है जहां मतदान के बाद ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को सुरक्षित रखा जाता है, ताकि इनसे किसी भी तरह की छेड़छाड़ न हो सके। यहां केवल सुरक्षा कर्मियों को जाने की अनुमति होती है। मतदान समाप्त होने के बाद स्ट्रॉन्ग रूम में ताले लग जाते हैं, और मतगणना के दिन सुबह 7 बजे के आसपास इन्हें खोला जाता है। ताला खोलने की प्रक्रिया के समय रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर भी वहां उपस्थित रहते हैं, और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है।

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