Haryana BJP के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने बाघोत निवासी कैलाश चंद शर्मा द्वारा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दायर किए गए इस्तगासे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और बुनियादहीन हैं। उन्होंने देश की न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा विश्वास जताते हुए कहा कि अदालत में यह मामला साफ हो जाएगा और दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।
कैलाश पुजारी के आरोपों का खंडन
कैलाश चंद ने आरोप लगाया था कि रामबिलास शर्मा, उनके पुत्र गौतम शर्मा, उनके भाई संतोष के पुत्र कुलदीप, पुलिस कर्मचारी, बाघोत निवासी रणधीर पहलवान, उनके पुत्र जगत, सेहलंग निवासी सतबीर, हांसी निवासी विकास और हिसार पाल की ढाणी निवासी जयबीर ने उनके पुत्र मोहित को आत्महत्या के लिए उकसाया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रणधीर पहलवान, विकास और अन्य व्यक्तियों ने मीडिया को बताया कि उनका इन घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है और कैलाश चंद के खिलाफ उनके अलग-अलग कानूनी मामले चल रहे हैं।
कैलाश चंद द्वारा लगाए गए झूठे आरोप
रणधीर पहलवान ने बताया कि उनका कैलाश चंद के परिवार से पैसों के लेन-देन का मामला था, जिसके कारण कैलाश ने उनका पैसा नहीं लौटाया और इस पर कनीना न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। इसी तरह, हांसी निवासी विकास ने भी कहा कि कैलाश चंद पर पैसे का लेन-देन का मामला 2016 से चल रहा है और अब कैलाश उनका नाम झूठे दबाव के तहत मोहित की आत्महत्या प्रकरण में ले रहा है।
कैलाश चंद की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए
कैलाश चंद के पुत्र की आत्महत्या के बाद, कई राजनीतिक नेताओं और समाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके आरोपों की निंदा की है। महेन्द्रगढ़ जिले के जिला प्रमुख डॉ. राकेश कुमार के नेतृत्व में कई जिला पार्षदों, ब्लॉक समिति सदस्यों और सरपंचों ने कैलाश चंद की कार्यप्रणाली पर विरोध जताया था। इसके अलावा, महेन्द्रगढ़-भिवानी लोकसभा क्षेत्र के सांसद चौ. धर्मबीर सिंह, नांगल चौधरी के पूर्व विधायक डॉ. अभय सिंह यादव, और अन्य नेताओं ने भी कैलाश चंद के आरोपों की निंदा की है।
अदालत में मामला चल रहा है
कैलाश चंद ने अपने पुत्र की आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए 14 जनवरी 2025 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई 16 जनवरी को होगी। कैलाश चंद ने कनीना पुलिस द्वारा उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई न करने पर नाराजगी जाहिर की थी और अपने बेटे का शव लेने से इनकार कर दिया था, जिसे अब भी कनीना सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है।