- मोहन भागवत ने कहा कि नेताओं को 75 वर्ष की उम्र में रिटायर हो जाना चाहिए।
- बयान से पीएम मोदी के रिटायरमेंट को लेकर सियासी बहस छिड़ गई है।
- विपक्ष ने इसे मोदी के लिए सीधा संदेश बताया, बीजेपी अब बैकफुट पर दिख रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान ऐसा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यह कार्यक्रम संघ के दिवंगत विचारक मोरोपंत पिंगले की किताब की लॉन्चिंग के लिए आयोजित किया गया था।
भागवत ने कहा, “जब आप 75 वर्ष के हो जाएं और आपको शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया जाए, तो यह संकेत है कि अब आपको रुक जाना चाहिए। आप बूढ़े हो गए हैं, अब दूसरों को आने देना चाहिए।”
इस बयान को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद 75 की उम्र पार करने वाले वरिष्ठ नेताओं जैसे लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जसवंत सिंह को रिटायर किया था। अब देखना है कि वे खुद पर यह नियम लागू करते हैं या नहीं।
राउत ने यह भी दावा किया कि मार्च 2024 में पीएम मोदी संघ मुख्यालय नागपुर गए थे, जहां उनके रिटायरमेंट पर विचार हुआ था। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने मई 2023 में कहा था कि मोदी 2029 तक भाजपा का नेतृत्व करते रहेंगे।
नागपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. श्रीनिवास खंडेलवाल का कहना है कि संघ प्रमुख के लिए कोई उम्रसीमा नहीं होती, लेकिन भाजपा में 75 वर्ष की उम्र के बाद नेताओं को सक्रिय राजनीति से हटाने की परंपरा रही है।
अब सभी की नजर इस बात पर है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो सितंबर में 75 वर्ष के हो जाएंगे, इस परंपरा को खुद पर भी लागू करते हैं या उन्हें इस नियम से छूट दी जाएगी।