Cinema Stories : ओटीटी के इस जमाने में व्यक्ति हफ्ते में कभी ना कभी कोई फिल्म या सिरिज देख ही लेता है। क्या आपको पता है कि भारत में सबसे पहली बार सिनेमा का निर्माण कब और कहां किया गया था।
फिलहाल में आपने कौन-सी फिल्म देखी है? इस सवाल का जवाब हर किसी के पास होगा। बस अंतर इतना होगा कि कोई लेटेस्ट फिल्म देखता होगा तो किसी ने पुरानी फिल्म अपनी यादों को ताजा करने के लिए देख डाली होगी। कुल मिलाकर लोग जवाब दे देंगे। अगर यही सवाल देश के पहले सिनेमा थिएटर के बारे में किया जाए तो शायद कुछ लोग थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ जाएंगे। आज हम आपको भारत के पहले सिनेमा थिएटर के बारे बताने वाले है।
भारत में बनाया जाने वाला पहला मूवी थियेटर चैपलिन सिनेमा था,जिसे एलफिंस्टन पिक्चर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। चैपलिन सिनेमा का निर्माण 1907 में जमशेदजी रामजी मदन द्वारा किया गया था। उन्होंने मदन थिएटर्स के नाम से भारत में सिनेमाघरों की पहली सीरीज स्थापित की थी। चैपलिन सिनेमा 5/1 चौरंगी प्लेस, कोलकाता में बना हुआ था।
ये है फिल्म निर्माण के जनक
जमशेदजी रामजी मदन को भारत में फिल्म निर्माण का जनक कहा जाता है। उन्होंने एल्फिंस्टन ड्रामा क्लब में एक सहायक लड़के के रुप में शुरुआत की। क्वब बहुत सफल हुआ और दुनिया भर में दौरा किया। जमशेदजी ने कलकत्ता में बसने का फैसला किया। उन्होंने उस समय के प्रसिध्द ड्रामा थिएटर कोरिंथियन हॉल को खरीदा। 1902 में उन्होंने मैदान के चारों और बायोस्कोप शो स्थापित करना शुरु किया। एक खुला मैदान जिसका उपयोग प्रदर्शन करने के लिए किया जाता था। आखिरकार उनकी रुपचि सिनेमा स्क्रीनिंग की और बढ़ी और उन्होंने 1907 में एलफिंस्टन पिक्चर पैलेस खोला।
हॉलीवुड फिल्मों का जलवा
महल का नाम बाद में मिनर्वा रखा गया और यह हॉलीवूड फिल्मों की स्क्रीनिंग के लिए एक लोकप्रिय थिएटर था। आने वाले सालों में राजनीतिक उथल-पथल और सामान्य अशांति से थिएटर को नुकसान होगा। अपने मुनाफे को बचाने के प्रयास में, थिएटर का नाम महान चार्ली चैपिलन के नाम पर चैपलिन सिनेमा रखा गया। हालांकि थिएटर ज्यादा समय तक टिक नहीं सका और 2003 में इसे ध्वस्त कर दिया गया।