➤ प्रिंसिपल की हत्या के विरोध में 13 जिलों में प्राइवेट स्कूल पूरी तरह बंद
➤ हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ की कॉल पर मिली-जुली प्रतिक्रिया, 5 जिलों में खुले रहे स्कूल
➤ स्कूल सेफ्टी एक्ट और मुआवजे की मांग को लेकर सरकार पर बना दबाव
हरियाणा में निजी स्कूलों के प्रिंसिपल की निर्मम हत्या के विरोध में बुधवार को 13 जिलों में प्राइवेट स्कूलों को पूरी तरह बंद रखा गया। यह बंद हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ द्वारा बुलाया गया था, जिसमें सभी CBSE और हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों से सहयोग की अपील की गई थी। संघ ने साफ किया कि बंद केवल विरोध नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित स्कूल सेफ्टी एक्ट की मांग को लेकर है।

हिसार जिले के नारनौंद कस्बे में 10 जुलाई को 4 छात्रों द्वारा स्कूल के भीतर ही प्रिंसिपल जगबीर पानू की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी।
बताया गया कि मृतक प्रिंसिपल छात्रों को पढ़ाई और अनुशासन को लेकर लगातार समझाते थे, विशेषकर बालों को कटवाने और अनुशासनहीनता पर टोकते थे। इसी बात को लेकर छात्रों ने पहले से साजिश रची और स्कूल परिसर में ही चाकू घोंपकर उनकी हत्या कर दी।

हत्या की इस वारदात से पूरे प्रदेश में शिक्षकों और अभिभावकों में गहरा रोष फैल गया। इसी के चलते प्राइवेट स्कूल संघ ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन और स्कूल बंद का आह्वान किया। संघ की मांगें चार बिंदुओं में स्पष्ट की गईं:

- प्रिंसिपल जगबीर पानू को शहीद का दर्जा दिया जाए
- परिजनों को ₹1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए
- हरियाणा में स्कूलों के लिए विशेष सुरक्षा कानून बनाया जाए
- आरोपी छात्रों पर कठोर और मिसाल बनने वाली कार्रवाई हो

इस बंद का असर पूरे प्रदेश में मिला-जुला रहा।
जिन 13 जिलों में स्कूल पूरी तरह बंद रहे, वे हैं:
हिसार, पानीपत, झज्जर, जींद, फतेहाबाद, रेवाड़ी, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, चरखी दादरी, महेन्द्रगढ़ और सिरसा।

वहीं, भिवानी, रोहतक, पलवल, सोनीपत और पंचकूला जैसे 5 जिलों में स्कूल खुले रहे। इनमें पढ़ाई सामान्य रूप से चलती रही। गुरुग्राम में बड़े स्कूल खुले रहे, जबकि फरीदाबाद, नूंह और अंबाला में कुछ स्कूल बंद तो कुछ खुले रहे।
कुछ स्कूल प्रबंधकों ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें स्कूल बंद करने की सूचना बहुत देर से—मंगलवार देर रात—मिली, जिस कारण सभी स्कूल बंद नहीं हो सके।

इस पर हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि –
“हमारी कॉल स्पष्ट थी, लेकिन 10वीं बोर्ड के कंपार्टमेंट परीक्षा होने के कारण कुछ स्कूल खुले रहे। फिर भी विरोध दर्ज हुआ है।”
अब नजरें सरकार की ओर हैं—क्या वो स्कूल सेफ्टी एक्ट, शहीद दर्जा और मुआवजा जैसी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी?

📍 – राज्यभर में स्कूल बंदी की शुरुआत
हरियाणा में हिसार के नारनौंद में प्रिंसिपल जगबीर पानू की चाकू मारकर हत्या के विरोध में प्राइवेट स्कूल संघ की कॉल पर आज राज्यभर में स्कूल बंद का मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। कुल 13 जिलों में स्कूल पूरी तरह बंद हैं।
📍 – कहां-कहां स्कूल बंद?
पूरी तरह स्कूल बंद जिले:
हिसार, पानीपत, झज्जर, जींद, फतेहाबाद, रेवाड़ी, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, चरखीदादरी, महेंद्रगढ़, सिरसा
आंशिक बंद या खुले जिले:
भिवानी, रोहतक, पलवल, सोनीपत, पंचकूला (स्कूल खुले)
गुरुग्राम (बड़े स्कूल खुले),
फरीदाबाद, नूंह, अंबाला (कुछ खुले, कुछ बंद)
📍– प्रदर्शन और गुस्सा बढ़ा
हिसार में आज सुबह प्राइवेट स्कूल के टीचर्स ने काली पट्टियां पहनकर प्रदर्शन किया और सरकार से “School Safety Act” की मांग को दोहराया। कई जिलों में स्कूलों के बाहर ताले लटके मिले।
📍 – गुरुग्राम और फरीदाबाद में मिला-जुला असर
फरीदाबाद में कुछ बड़े स्कूल खुले हैं, जबकि छोटे निजी स्कूलों में ताले लटके नजर आए। गुरुग्राम में कुछ स्कूलों में पढ़ाई सामान्य रूप से चल रही है।
📍– स्कूल खुलने पर प्राइवेट स्कूल संघ की सफाई
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने बयान जारी करते हुए कहा –
👉 “आज 10वीं के कंपार्टमेंट पेपर हैं, इसलिए कुछ स्कूल खुले हैं”
👉 “हमें स्कूल बंद करने का निर्णय मंगलवार देर रात को मिला, जिससे कुछ प्रबंधन तैयार नहीं हो सके”
📍 – प्रिंसिपल जगबीर पानू की हत्या की पृष्ठभूमि
10 जुलाई को हिसार के नारनौंद के एक प्राइवेट स्कूल में 4 छात्रों ने प्रिंसिपल जगबीर पानू पर चाकू से हमला कर दिया था, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।
👉 छात्रों ने बाल कटवाने व अनुशासन संबंधी बातों से नाराज़ होकर हमला किया
👉 चारों आरोपी छात्र अब पुलिस गिरफ्त में हैं
– संघ ने सरकार से रखीं ये चार मांगें
- जगबीर पानू को शहीद का दर्जा दिया जाए
- परिवार को ₹1 करोड़ मुआवजा दिया जाए
- स्कूल सेफ्टी एक्ट बनाया जाए
- आरोपी छात्रों पर सख्त कार्रवाई हो
📍– सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब पूरे हरियाणा में शिक्षकों और अभिभावकों की निगाहें सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। क्या सरकार स्कूलों की सुरक्षा को लेकर नया कानून बनाएगी? क्या पीड़ित परिवार को मुआवजा मिलेगा?
हरियाणा के शैक्षिक ढांचे में एक असाधारण दिन, जहां शिक्षक अपने साथी की हत्या के बाद मैदान में उतरे और सिस्टम से “सुरक्षा और सम्मान” की मांग कर रहे हैं।