➤पंचायत ने इंसाफ मिलने तक अंतिम संस्कार रोकने का ऐलान
➤इंटरनेट बंद, भारी पुलिस फोर्स तैनात
➤पिता संजय ग्रामीणों के साथ, कमेटी दबाव पर हुई सहमति रद्द
हरियाणा के भिवानी जिले में 11 अगस्त को स्कूल जाने के दौरान लापता हुई और 13 अगस्त को खेत में मृत मिली मनीषा के अंतिम संस्कार को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। पंचायत ने गांव में पक्का मोर्चा लगाने का ऐलान किया है और ग्रामीणों ने कहा है कि कातिल पकड़े जाने तक धरना देंगे और तब तक अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे।
परिवार और प्रशासन का विवाद:
सोमवार देर रात प्रशासन से हुई मीटिंग के बाद पिता संजय ने मीडिया से कहा था कि प्रशासन ने धरना कमेटी के जरिए उन पर दबाव डालकर अंतिम संस्कार के लिए सहमति ली। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती। मंगलवार सुबह ग्रामीणों की पंचायत में इस बात का खुलासा हुआ और उन्होंने पिता संजय को समझाया कि पूरा गांव उनके साथ है और किसी के दबाव में न आएं।
गांव में विरोध और सुरक्षा व्यवस्था:
अब भारी संख्या में ग्रामीण ढाणी लक्ष्मण गांव के रास्ते को रोक चुके हैं। युवाओं के साथ महिलाएं भी एंट्री पॉइंट पर इकट्ठा हैं। उन्होंने कहा कि बिना इंसाफ मनीषा का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे और मामले की CBI से जांच कराई जाए। इसके बाद पिता संजय ने भी मीडिया से कहा कि वह अब ग्रामीणों के साथ हैं।
सरकार का कदम और इंटरनेट बंद:
माहौल को देखते हुए सरकार ने भिवानी और चरखी दादरी में 19 अगस्त सुबह 11 बजे से 21 अगस्त सुबह 11 बजे तक इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया। प्रदेश गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने लॉ एंड ऑर्डर के हवाले से यह निर्देश जारी किया।
पुलिस और खाप पंचायत की कार्रवाई:
भिवानी में अन्य जिलों से भी भारी पुलिस फोर्स मंगाई गई है। पानीपत से 108 कर्मचारियों की कंपनी भिवानी भेजी गई। वहीं चरखी दादरी में सर्वजातीय फोगाट खाप ने आपात पंचायत बुलाई और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए कमेटी का गठन किया।
मनीषा की मौत की पृष्ठभूमि:
मनीषा 11 अगस्त को घर से स्कूल के लिए निकली थी। 13 अगस्त को उसकी खेत में लाश मिली थी। ग्रामीणों और परिवार की मांग है कि मामले में कातिल को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और न्याय सुनिश्चित किया जाए।