➤बिश्नोई संत स्वामी राजेंद्रानंद का निधन
➤डबवाली में कार्यक्रम के दौरान हार्ट अटैक
➤गौसेवा व समाजिक मुद्दों में सक्रिय भूमिका
बिश्नोई समाज के वरिष्ठ संत और गौसेवा के लिए समर्पित स्वामी राजेंद्रानंद का शुक्रवार को निधन हो गया। उन्हें हरियाणा के सिरसा जिले के डबवाली में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान हार्ट अटैक आया। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका आश्रम हरिद्वार में स्थित था और वे वर्षों से समाजसेवा तथा गौ संरक्षण में सक्रिय थे।

स्वामी राजेंद्रानंद ने अपना संपूर्ण जीवन गौसेवा के लिए समर्पित किया। वे विभिन्न गोशालाओं में कथा करते थे और वहां मिलने वाला संपूर्ण दान गौ कल्याण के लिए ही समर्पित कर देते थे। वे हिसार, फतेहाबाद और आस-पास के इलाकों में अक्सर गौसेवा का प्रचार करते थे।
9 जून 2024 को स्वामी राजेंद्रानंद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने बिश्नोई समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ चार प्रमुख मांगें रखीं— समाज को ओबीसी आरक्षण, जोधपुर एयरपोर्ट का नामकरण शहीद अमृता देवी बिश्नोई के नाम पर, खेजड़ी वृक्षों की रक्षा और खेजड़ली को विश्व धरोहर घोषित करने की मांग।
2022 में हिसार के गांव मंगाली की गोशाला में कथा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर उनसे आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। वहीं, हिसार के बिश्नोई मंदिर में जन्माष्टमी पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में 2023 में मनोहर लाल खट्टर और 2024 में नायब सैनी भी उपस्थित हुए थे।
उनके निधन के कारण हिसार बिश्नोई मंदिर में कल शनिवार को प्रस्तावित कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की है।