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अब डीसी ऑफिस का कर्मचारी रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार, रेड हो गई थी फेल, ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने रेड के दौरान निभाई रिश्तेदारी

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➤ आरोपी ने जमीन के कागजात बनाने की एवज में मांगे थे 5 हजार रुपए
➤ एसीबी ने रीडर विजय चौहान को गिरफ्तार किया, ड्यूटी मजिस्ट्रेट पर साजिश का शक
➤ भाईचारे में फंसी कार्रवाई: टॉयलेट बहाने से रेड टाली, आरोपी को मिली भनक

कैथल जिला प्रशासन की कार्यशैली पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं, जब डीसी ऑफिस के एमए ब्रांच में कार्यरत कर्मचारी विजय चौहान को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 5 हजार रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया। यह मामला केवल रिश्वतखोरी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें ड्यूटी मजिस्ट्रेट की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई, जिन पर रेड की सूचना लीक कर आरोपी को बचाने का आरोप है।

गांव सिणंद निवासी कर्ण सिंह ने शिकायत दी थी कि 28 जनवरी को उसने अपनी जमीन के कागजात बनवाने के लिए कर्मचारी विजय चौहान से संपर्क किया। विजय ने 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी और 3 फरवरी को कार्यालय में बुलाया। शिकायतकर्ता ने बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग कर ली और उसी दिन एसीबी को लिखित शिकायत दी।

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रेड फेल होने की साज़िश:
एसीबी ने उसे पाउडर लगे 5 हजार के नोट दिए और एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट के साथ रेड के लिए रवाना हुए। लेकिन जैसे ही टीम वहां पहुंची, ड्यूटी मजिस्ट्रेट बालवीर चौहान बहाना बनाकर टॉयलेट में चले गए, जिससे रेड फेल हो गई। बाद में यह सामने आया कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट, आरोपी विजय के चाचा हैं।

आरोपी नहीं लिया पैसा, फिर भी फंसा:
कर्ण सिंह आरोपी के पास पहुंचा लेकिन इस बार उसने पैसे नहीं लिए। शक यह है कि मजिस्टे्रट ने ही उसे रेड की जानकारी दे दी थी, इसलिए वह सतर्क हो गया। बावजूद इसके, एसीबी की टीम ने फिर जांच शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

अब ड्यूटी मजिस्ट्रेट जांच के घेरे में:
बाल कल्याण अधिकारी बालवीर चौहान की भूमिका की जांच शुरू हो चुकी है और उनके खिलाफ सरकारी स्तर पर पत्राचार भी किया गया है। सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ भी जल्द कार्रवाई हो सकती है। एसीबी इंस्पेक्टर सूबे सिंह ने पुष्टि की कि फिलहाल आरोपी विजय को गिरफ्तार कर लिया गया है और ड्यूटी मजिस्ट्रेट की भूमिका की जांच जारी है।