➤ कांग्रेस ने मनीषा की मौत और कानून व्यवस्था को लेकर सदन में किया हंगामा
➤ स्पीकर ने 6 बार स्थगित की कार्यवाही, सर्वदलीय बैठक में हुआ प्रस्ताव मंजूर
➤ 26 अगस्त को होगी काम रोको प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को भारी हंगामे के साथ शुरू हुआ। भिवानी की लेडी टीचर मनीषा की मौत और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस ने काम रोको प्रस्ताव रखा। कांग्रेस विधायक ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के पोस्टर हाथों में लेकर वेल तक पहुंच गए और जमकर नारेबाजी की। विपक्ष के इस रुख के कारण सदन की कार्यवाही 6 बार स्थगित करनी पड़ी।
स्थिति को गंभीर होते देख मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बीच सदन में ही सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में कांग्रेस का काम रोको प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया। कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने सदन में प्रस्ताव पेश किया, जिस पर स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने घोषणा की कि 26 अगस्त को इस प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा होगी।
सत्र की शुरुआत में मुख्यमंत्री सैनी ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन पर शोक प्रस्ताव रखा, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अहमदाबाद हादसे पर शोक प्रस्ताव पढ़ा। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में तय हुआ कि सत्र 27 अगस्त तक चलेगा, वहीं 23 और 24 अगस्त को अवकाश रहेगा।
सदन की कार्यवाही के दौरान मनीषा की मौत पर मुख्यमंत्री सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा आमने-सामने आ गए। मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि “कांग्रेस के शासनकाल में तो FIR तक दर्ज नहीं होती थी। आज की सरकार ने भिवानी की बेटी के मामले में तुरंत कार्रवाई की है।” इस पर हुड्डा ने पलटवार करते हुए कहा, “हमारे कार्यकाल में हर मामले में FIR दर्ज कराई जाती थी। सरकार मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।”
कांग्रेस लगातार इस मुद्दे को उठाकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। अब 26 अगस्त को होने वाली चर्चा में मनीषा की मौत और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर बड़ा राजनीतिक संग्राम देखने को मिल सकता है।

