WTC और भूटानी ग्रुप के 12 ठिकानों पर तलाशी, 3400 करोड़ से अधिक के दस्तावेज बरामद।
200 करोड़ सिंगापुर भेजे गए, अमेरिका में संपत्तियां खरीदी गईं।
घर खरीदारों को 10 साल बाद भी नहीं मिली डिलीवरी, कई लोगों से ठगी।
Bhutani Group Scam: देश की प्रतिष्ठित रियल एस्टेट कंपनियों में शामिल WTC बिल्डर और भूटानी ग्रुप के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। दिल्ली, लखनऊ, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम समेत कई शहरों में 12 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें 3400 करोड़ रुपए से अधिक के दस्तावेज बरामद किए गए। ये दस्तावेज दिल्ली-एनसीआर में 15 प्रमुख परियोजनाओं के तहत निवेशकों से जुटाए गए धन से जुड़े हैं।
विदेशों में मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा
ईडी की जांच में सामने आया कि भूटानी ग्रुप ने 200 करोड़ रुपए सिंगापुर भेजे और संयुक्त राज्य अमेरिका में संपत्तियां खरीदीं। इस मामले में कंपनियों के विभिन्न सावधि जमा (एफडी) को जब्त कर लिया गया है।
1.5 करोड़ के जेवरात जब्त
तलाशी के दौरान ईडी को 1.50 करोड़ रुपए मूल्य के आभूषण, पंजीकरण दस्तावेज, लैपटॉप, हार्ड ड्राइव समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। हजारों करोड़ की संपत्तियां नाममात्र मूल्य पर ट्रांसफर करने और नकद लेनदेन के भी सबूत सामने आए हैं।
इन पर केस दर्ज
इस मामले में आशीष भल्ला, सुपर्णा भल्ला, अभिजीत भल्ला, मैसर्स भूटानी इंफ्रा और अन्य पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और सैकड़ों लोगों के साथ ठगी के आरोप में केस दर्ज किया गया है। आरोपियों ने सेक्टर 111-114 फरीदाबाद में निवेश का लालच देकर लोगों से पैसे लिए, लेकिन प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया।
10 साल में भी नहीं हुई डिलीवरी
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि भूटानी इंफ्रा ग्रुप ने WTC ग्रुप का अधिग्रहण करके इस प्रोजेक्ट को दोबारा लॉन्च किया, लेकिन 10 साल से अधिक समय बीतने के बाद भी खरीदारों को प्लॉट की डिलीवरी नहीं मिली।
देश की बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में शामिल
भूटानी ग्रुप अब तक 9 मिलियन स्क्वायर फीट से ज्यादा निर्माण कर चुका है और इसके 74 से अधिक प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। यह कंपनी आधुनिक कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के लिए जानी जाती है।