➤पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को रेप केस में कोर्ट ने दोषी ठहराया।
➤फैसले के वक्त कोर्ट में प्रज्वल फूट-फूट कर रो पड़ा, भावुक होकर मांगी माफी।
➤प्रज्वल पर कुल 4 रेप केस दर्ज, यह पहला केस जिसमें दोष साबित हुआ है।
बेंगलुरु: कर्नाटक की विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को यौन शोषण के एक गंभीर मामले में दोषी करार दिया है। बुधवार को सुनाए गए इस फैसले के बाद प्रज्वल कोर्ट में ही फूट-फूटकर रो पड़े। अब इस मामले में सजा का ऐलान 2 अगस्त को किया जाएगा।
प्रज्वल रेवन्ना पर कुल चार रेप केस दर्ज हैं। यह फैसला उन चार में से पहले मामले में आया है, जिसमें उन्होंने एक 47 वर्षीय घरेलू सहायिका का यौन शोषण किया था। महिला ने आरोप लगाया था कि प्रज्वल ने दो बार उसका यौन उत्पीड़न किया और उसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया। पीड़िता ने सबूत के तौर पर वीडियो क्लिप्स, चैट्स और अन्य डिजिटल रिकॉर्डिंग जांच एजेंसियों को सौंपे थे।
अदालत में इस केस की सुनवाई के दौरान विशेष जांच दल (SIT) द्वारा लगभग 2,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसमें 123 सबूत, 26 गवाह और 180 से अधिक दस्तावेज शामिल थे। ये सबूत और गवाह इतने ठोस थे कि अदालत ने बिना किसी संदेह के प्रज्वल को दोषी करार दिया।
फैसले के बाद जब अदालत परिसर में प्रज्वल को ले जाया गया, तो वे अत्यधिक भावुक हो उठे और रोने लगे। यह दृश्य वहां मौजूद हर किसी को चौंकाने वाला लगा, क्योंकि अदालत में वह अब तक लगातार आत्मविश्वास से भरे दिखाई दे रहे थे।
प्रज्वल की ओर से पहले कई बार जमानत की अर्जी दी गई थी, जो विशेष अदालत, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में भी खारिज कर दी गईं। अदालतों का कहना था कि वे अपने राजनीतिक रसूख और प्रभाव का दुरुपयोग कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। अदालतों ने यह भी माना कि वे फरार हो सकते हैं या सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
यह केस उस समय राष्ट्रीय चर्चा में आया था जब कई पीड़िताओं ने सामने आकर प्रज्वल पर शोषण, धमकी, वीडियो रिकॉर्डिंग और ब्लैकमेल जैसे आरोप लगाए थे। जांच एजेंसियों द्वारा की गई छापेमारी और बरामद मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड डिस्क से कई अहम सुराग मिले थे। यह भी पाया गया कि उन्होंने पीड़िताओं को मनोवैज्ञानिक दबाव में रखने के लिए उनके परिवारों को भी धमकी दी थी।
यह पहली बार है जब किसी शीर्ष राजनैतिक परिवार के सदस्य को कोर्ट ने रेप जैसे गंभीर मामले में दोषी करार दिया है। अब तक आमतौर पर ऐसे मामलों में जांच लंबी चलती थी या रसूख के चलते आरोपी बच निकलते थे, लेकिन इस बार न्यायिक प्रक्रिया तेज और निर्णायक रही।
अन्य तीन मामलों की सुनवाई फिलहाल जारी है। जिनमें से एक में महिला ने आरोप लगाया है कि उसे कुछ दिनों तक एक गेस्टहाउस में कैद करके रखा गया था, जहां उसके साथ बार-बार यौन शोषण किया गया।
राजनीतिक हलकों में इस फैसले के बाद खलबली मच गई है। कई नेताओं ने न्यायपालिका पर भरोसा जताते हुए इसे एक मिसाल बताया है। वहीं, पीड़ित पक्ष ने उम्मीद जताई है कि आने वाले फैसलों में भी न्याय मिलेगा।