➤हड़ताल अवधि को माना जाएगा अर्जित अवकाश
➤वेतन कटौती और सेवा बाधा से मिलेगी छूट
➤फैसला केवल लिपिकों पर लागू, एक बार की विशेष व्यवस्था
हरियाणा सरकार ने राज्य के कर्मचारियों, विशेष रूप से लिपिक वर्ग, के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। वर्ष 2023 में हड़ताल पर गए लिपिकों के लिए सरकार ने घोषणा की है कि हड़ताल की अवधि को उपार्जित अवकाश (Earned Leave) के रूप में माना जाएगा। इसके साथ ही इस अवधि का न तो वेतन काटा जाएगा और न ही इसे सेवा में बाधा (Break in Service) के रूप में गिना जाएगा।
इस संबंध में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जो वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का कार्यभार भी देख रहे हैं, ने आधिकारिक पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि हड़ताल पर जाने से पहले अर्जित अथवा संचित ‘अर्जित अवकाश’ को सबसे पहले समायोजित किया जाएगा। इसके बाद आवश्यकता पड़ने पर ‘हाफ पे लीव’ लागू होगा। यदि इसके बाद भी हड़ताल अवधि शेष रहती है तो अग्रिम अर्जित अवकाश स्वीकृत किया जाएगा, जिसे भविष्य में अर्जित होने वाले अवकाश से समायोजित किया जाएगा।
हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था केवल एक बार के लिए है और इसे भविष्य में किसी भी प्रकार के उदाहरण के रूप में नहीं लिया जाएगा। यह राहत केवल उन्हीं लिपिक कर्मचारियों पर लागू होगी जिन्होंने 2023 की विशेष हड़ताल में भाग लिया था।
इसके लिए सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, उपमंडल अधिकारियों (नागरिक) और खजाना अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि आवश्यक सत्यापन के बाद वेतन जारी किया जा सके। यह निर्णय सरकार और कर्मचारियों के बीच सामंजस्य बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।