शहर के किसान भवन में वीरवार को दोपहर के समय एक बार फिर से किसानों के बीच हंगामा देखने को मिला, जहां बात गहमा-गहमी से शुरू होकर गाली-गलौच में बदल गई और बाद में हाथापाई तक जा पहुंची। बताया जा रहा है कि प्रधानी की लड़ाई को लेकर कई माह से दोनों पक्ष आमने-सामने दिखाई दे रहे है। जहां आज पूर्व गैंगस्टर सोनू मालपुरिया के समर्थकों के साथ पहुंचने पर भारी हंगामा हो गया। इतना ही नहीं एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के खिलाफ पुलिस को भी मौके पर बुलाया, लेकिन पुलिस दोनों किसानों के पक्षों को शांत करवाकर वापिस लौटती नजर आई।
बता दें कि हरियाणा प्रदेश के पानीपत जिले में स्थित किसान भवन में प्रधानी को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चला हुआ है। वीरवार को संदीप एडवोकेट ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप द्वारा किसान भवन में प्रदेश स्तरीय मीटिंग का आयोजन किया हुआ था। जिसको लेकर विभिन्न जिलों से किसान पहुंचे थे, जब 11 सदस्यों की कमेटी बनी हुई है, तो फिर कैसे मीटिंग बुलाई गई, जब मीटिंग को बंद करने के लिए कहा गया, तो हमें कहा गया कि हम भगत सिंह की जयंती मना रहे है। वहीं मीटिंग करने के लिए पहुंचे किसानों ने गाली-गलौच और हाथापाई करनी शुरू कर दी। जिसको लेकर हमें पुलिस को बुलाना पड़ा।

क्या पानीपत में ही मनाई जानी थी भगत सिंह की जयंती
वहीं किसान मनोज ने कहा कि प्रदेश के करीब 10 जिलों से किसान मीटिंग में भाग लेने के लिए पहुंचे हुए थे और हमने मीटिंग से मना किया तो भगत सिंह की जयंती मनाने की बात को सामने कर दिया गया। जबकि सभी किसान अपने-अपने जिलों में इकट्ठा होकर वहां भी जयंती मना सकते थे, क्या पानीपत के किसान भवन में ही भगत सिंह की जयंती मनाई जानी थी। मीटिंग में ऐसे किसान भी पहुंचे थे, जिन्होंने किसान आंदोलन में कोई योगदान नहीं दिया। मैने डबल एम.ए करने के बाद भी अपने करियर को दाव पर लगाकर किसान आंदोलन में योगदान दिया।
एक दिन पहले किया था सोनू मालपुरिया ने वीडियो जारी
किसान हरेंद्र राणा ने कहा कि सोनू मालपुरिया ने एक दिन पहले ही टिकैत यूनियन की मीटिंग बुलाने का वीडियों जारी किया था। जिसकी जानकारी मिलने पर हमारे द्वारा पुलिस और सीटीएम को सूचित किया गया था। किसानों को भगत सिंह की जयंती मनानी थी, तो अपने-अपने जिलों में लघु सचिवालय में भगत सिंह की जयंती मनानी चाहिए थी।

आज तो गाडी बढ़ गई, आगे भीतर बढ़कर दिखाईयो
वहीं एक किसान ने कहा कि प्रदेश स्तरीय मीटिंग को लेकर हमारे द्वारा सीटीएम व पुलिस को सूचित कर दिया गया था कि किसान भवन में बाहर के किसी की एंट्री न होने दें। बहाने से मीटिंग करते हुए भगत सिंह की जयंती का नाम भी दे दिया गया। आज तो गाडियां भीतर बढ़ गई, आगे कोई भीतर बढ़कर दिखाईयो।
भाकियू ग्रुप है हमारा, चढूनी इन्होंने लगाया
वहीं जींद के एक गांव से पहुंचे किसान ने कहा कि हर माह बैठक होती थी, मैं पढ़ा-लिखा किसान हूं, मेरे पास अपना यूरोप का कार्ड भी है। भारतीय किसान यूनियन 35 साल पहले बनी थी, हमारा भाकियू ग्रुप है, इन्होंने चढूनी लगा दिया। मुट्ठीभर किसान है, जो सभी को बदनाम करने में लगे हुए है।
5-7 भाईयों का मकसद भवन को बदनाम करने का
पूर्व गैंगस्टर सोनू मालपुरिया ने कहा कि 5-7 भाईयों का मकसद भवन को बदनाम करने का है। हमने प्रदेश स्तरीय मीटिंग कैंसल कर दी थी, क्योंकि एक किसान के शहीद हो जाने पर कुछ पदाधिकारी दिल्ली गए हुए थे। हम यहां भगत सिंह की जयंती मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे और हमने पुष्प अर्पित करने के लिए 5-7 बुजुर्गो को भी बुलाया। किसान भाईयों की संख्या अधिक होने पर कुछ भाई कार्यालय में बैठ गए और उन्होंने मुझे भी वहां बुला लिया। जिस पर इनके द्वारा पुलिस को बुलाया गया।