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हरियराणा बॉर्डर पर पानी को लेकर बवाल, 500 जवान तैनात

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➤ रेवाड़ी-भिवाड़ी बॉर्डर विवाद को लेकर महापंचायत और भारी पुलिस बल तैनात
➤ 500 जवान तैनात, प्रशासन का ऐलान- किसी कीमत पर नहीं टूटेगा रैम्प
➤ 15 जुलाई को रेवाड़ी लघु सचिवालय में हरियाणा-राजस्थान की बैठक तय



रेवाड़ी के धारूहेड़ा और राजस्थान के भिवाड़ी शहर के बीच बॉर्डर पर पानी निकासी और रैंप निर्माण को लेकर गहराया विवाद अब प्रशासनिक और राजनीतिक रंग लेने लगा है। रविवार को भिवाड़ी की ओर से एक महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें रैंप को तोड़ने की मांग उठाई गई। महापंचायत के बाद राजस्थान के प्रतिनिधिमंडल ने रेवाड़ी प्रशासन से मुलाकात की, जिसमें बातचीत से समाधान निकालने का निर्णय लिया गया।

रेवाड़ी के एसडीएम सुरेंद्र सिंह और डीसी अभिषेक मीणा से वार्ता के बाद तय हुआ कि 15 जुलाई को रेवाड़ी लघु सचिवालय में एक साझा बैठक होगी, जिसमें दोनों राज्यों के अधिकारी और नागरिक प्रतिनिधि समाधान की दिशा में चर्चा करेंगे।
इधर रेवाड़ी प्रशासन ने साफ कहा है कि “किसी भी कीमत पर रैंप नहीं टूटने दिया जाएगा।” इसके लिए डीएसपी रविंद्र कुमार के नेतृत्व में 500 जवानों की तैनाती कर दी गई है। बॉर्डर को जेसीबी, ट्रैक्टर आदि से पूरी तरह सील कर दिया गया है।

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धारूहेड़ा के लोगों का कहना है कि यह रैंप उनके क्षेत्र को पिछले 30 सालों से हो रहे जलभराव और रासायनिक प्रदूषण से बचाने का एकमात्र तरीका है। भिवाड़ी की ऊंचाई के कारण वहां का बारिश का पानी धारूहेड़ा की ओर आता है, जिससे फैक्ट्रियों का वेस्ट भी बहकर हरियाणा में घुस जाता है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने रैंप को बचाने के लिए प्रशासन पर भरोसा जताया है और कहा है कि “रैंप किसी भी कीमत पर नहीं हटने दिया जाएगा।”

इस पूरे विवाद के पीछे की कहानी 2022 में शुरू हुई जब धारूहेड़ा में लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से शिकायत की थी। तब खट्टर ने बॉर्डर पर स्थायी समाधान के तौर पर रैंप बनाने के निर्देश दिए थे। रैंप बनने से भिवाड़ी में जलभराव की समस्या खड़ी हो गई, जिसके बाद वहां के लोगों ने इसे तोड़ दिया। लेकिन कुछ ही समय में यह दोबारा बना दिया गया, जिससे विवाद और बढ़ गया।

राजनीतिक हलकों में भी इस मुद्दे की गर्मी महसूस की जा रही है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सार्वजनिक मंच से राजस्थान के विधायक बाबा बालकनाथ को कड़ी फटकार लगाई थी, और स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे में राजस्थान के किसी भी नेता का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।

अब प्रशासनिक स्तर पर 15 जुलाई की बैठक से यह उम्मीद लगाई जा रही है कि दोनों राज्यों के बीच इस विवाद का कोई शांतिपूर्ण समाधान निकल सके। लेकिन फिलहाल तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है, और दोनों ओर से भारी पुलिस बल और अधिकारियों की सतर्क तैनाती की गई है।