➤ हरियाणा की इंटरनेशनल रेसलर संतोष शर्मा का प्रमोशन अटका
➤ वर्ल्ड पुलिस चैंपियनशिप विजेता कई सालों से न्याय के लिए संघर्षरत
➤ खेल नीति के बावजूद सरकार ने उपलब्धियों का सम्मान नहीं दिया
जितेंद्र अहलावत
हरियाणा, जिसे खेलों की धरती और चैंपियनों की जन्मभूमि कहा जाता है, ने देश को कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी दिए हैं। इन्हीं में से एक नाम है संतोष शर्मा, जो हरियाणा पुलिस में कार्यरत हैं और एक इंटरनेशनल रेसलर के रूप में जानी जाती हैं। उन्होंने अमेरिका में आयोजित वर्ल्ड पुलिस चैंपियनशिप में तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन किया। संतोष शर्मा, फोगाट सिस्टर्स जैसी मशहूर पहलवानों की कोच भी रह चुकी हैं और उनके नाम कई अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल दर्ज हैं।

लेकिन आज उनकी चर्चा मेडल या उपलब्धियों की वजह से नहीं, बल्कि अपने अधिकार के लिए जारी संघर्ष के कारण हो रही है। संतोष शर्मा कई वर्षों से अपने प्रमोशन के लिए लड़ रही हैं। हरियाणा सरकार की खेल नीति के अनुसार यह प्रमोशन उन्हें उनकी उपलब्धियों के आधार पर मिलना चाहिए था, जैसा अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को मिला, लेकिन उनका मामला आज भी सरकारी फाइलों में अटका हुआ है।

उन्होंने कई बार मंत्रियों और अधिकारियों से मिलकर गुहार लगाई, लेकिन नतीजा अब तक शून्य है। विडंबना यह है कि जिन खिलाड़ियों को उन्होंने प्रशिक्षित किया, वे आज भारतीय टीम में अहम पदों पर हैं, जबकि उनकी अपनी मेहनत और उपलब्धियों को सही मान्यता नहीं मिली।
यह सवाल सिर्फ संतोष शर्मा का नहीं, बल्कि उन सभी खिलाड़ियों का है जो देश के लिए मैदान में जीतते हैं, लेकिन बाद में अपने हक के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते हैं। क्या खिलाड़ियों का सम्मान सिर्फ तब तक है जब तक वे सुर्खियों में हैं? क्या उनकी मेहनत और बलिदान का मूल्य एक अखबार की कटिंग से ज्यादा नहीं?
संतोष शर्मा आज भी पूरे समर्पण और जिम्मेदारी के साथ अपनी ड्यूटी निभा रही हैं और उम्मीद कर रही हैं कि एक दिन उन्हें उनका हक जरूर मिलेगा।