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लॉरेंस बिश्नोई का खास गिरफ्तार: FBI के हत्थे चढ़ा चंडीगढ़- गुरुग्राम धमाकों का मास्टरमाइंड

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➤अमेरिका में एफबीआई ने लॉरेंस बिश्नोई के करीबी रणदीप मलिक को पकड़ा
➤नादिर शाह हत्याकांड और चंडीगढ़-गुरुग्राम बम धमाकों में आरोपी
➤भारतीय एजेंसियों के साथ जानकारी साझा, जैक्सन पैरिश सुधार केंद्र में बंद

हरियाणा के जींद निवासी और कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी रणदीप सिंह उर्फ रणदीप मलिक को अमेरिका में एफबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी उसके घर से की गई और वर्तमान में उसे अमेरिका के जैक्सन पैरिश सुधार केंद्र में रखा गया है। एफबीआई ने उसकी गिरफ्तारी की जानकारी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा की है, जिससे बिश्नोई गैंग के खिलाफ चल रही कार्रवाई और तेज हो गई है।

रणदीप मलिक भारत में रहते हुए नहीं, बल्कि विदेश में बैठकर भी कई संगठित और गंभीर अपराधों की साजिश रच चुका है। वह दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-1 में 12 सितंबर 2024 को हुए जिम मालिक नादिर शाह हत्याकांड का भी आरोपी है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में खुलासा हुआ कि इस हत्या के लिए हथियारों की व्यवस्था रणदीप ने अमेरिका से की थी। वहीं, गुजरात की साबरमती जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई ने तिहाड़ जेल में कैद गैंगस्टर हाशिम बाबा के साथ वीडियो कॉल पर इस हत्या की योजना बनाई थी।

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इसके अलावा, रणदीप पर चंडीगढ़ और गुरुग्राम के क्लबों के बाहर बम धमाकों की साजिश रचने का भी आरोप है। 26 नवंबर 2024 को चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित बॉलीवुड सिंगर बादशाह के “सिविल बार एंड लाउंज” और “डी’ऑरा क्लब” के बाहर बम धमाके हुए थे। इसके बाद 10 दिसंबर 2024 को गुरुग्राम के सेक्टर-29 में स्थित “वेयरहाउस” और “ह्यूमन क्लब” के बाहर भी धमाके किए गए। इन हमलों की जिम्मेदारी कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा ने ली थी।

जांच में पता चला कि रणदीप ने सिग्नल ऐप के जरिए विनय और अजीत नाम के शूटरों को निर्देश दिए थे और बमों की व्यवस्था भी करवाई थी। एनआईए ने इस मामले में रणदीप, गोल्डी बराड़ और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी थी।

इस गिरफ्तारी को भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि इससे न केवल नादिर शाह हत्याकांड बल्कि चंडीगढ़ और गुरुग्राम के धमाकों जैसे मामलों में भी जांच को मजबूती मिलेगी और बिश्नोई गैंग की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों पर अंकुश लगने की संभावना है।