➤ जन स्वास्थ्य विभाग पर RTI एक्टिविस्ट पंकज ने मांगी थी टेंडर व खर्चों की जानकारी
➤ विभाग ने भेजे 40,000 पन्ने, जिनका वजन 108 किलो से ज्यादा, 15 बिंदुओं के जवाब गायब
➤ स्टेट इंफॉर्मेशन कमीशन में की अपील, फीस जमा की पुष्टि भी नहीं कर पाया विभाग
विस्तृत खबर:
हरियाणा के कुरुक्षेत्र से एक हैरान कर देने वाला RTI मामला सामने आया है, जिसमें जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने एक RTI एक्टिविस्ट को 80 हजार रुपए लेने के बाद 40 हजार पन्नों का जवाब भेजा — लेकिन वह भी अधूरा और भ्रमित करने वाला। RTI एक्टिविस्ट पंकज ने करीब 15 बिंदुओं पर सूचनाएं मांगी थीं, लेकिन विभाग ने आधे जवाब गैर-जरूरी कागज़ों से पाट दिए और आधे को गोलमोल घुमा दिया।
पंकज ने यह RTI 30 जनवरी 2025 को कुरुक्षेत्र के कार्यकारी अभियंता कार्यालय में दायर की थी। जानकारी मांगी गई थी कि वर्ष 2023 से 2025 तक विभाग में कितने कामों के टेंडर लगे, किन-किन ठेकेदारों को लाइसेंस जारी किए गए, स्थायी व अनुबंधित कर्मचारी कितने हैं, किन-किन कार्यों पर कितने रुपए खर्च हुए और कितनी GST वसूली हुई आदि।
जब कई महीनों तक जवाब नहीं मिला तो उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और इंजीनियर इन चीफ को शिकायत भेजी। तब जाकर डीसी कुरुक्षेत्र के आदेश पर विभाग हरकत में आया और 108 किलो 200 ग्राम वजनी 40 हजार पन्नों की RTI कॉपी भेज दी।
RTI एक्टिविस्ट पंकज का आरोप है कि इस पूरे जवाब में ज्यादातर रिकॉर्ड गैर-मांगित और भ्रमित करने वाला है। न सिर्फ जवाब अधूरे हैं, बल्कि विभाग ने उनकी ओर से जमा करवाई गई फीस को अभी तक विभागीय खाते में भी जमा नहीं करवाया। बैंक से पुष्टि की गई तो सामने आया कि डिमांड ड्राफ्ट और चेक की वैधता खत्म हो चुकी है।
अब पंकज ने मामला हरियाणा राज्य सूचना आयोग में पहुंचा दिया है, जहां से उनकी अपील स्वीकार कर ली गई है। RTI एक्टिविस्ट का यह मामला सरकारी व्यवस्था में सूचना पारदर्शिता की दुर्दशा को उजागर करता है, जहां सूचना की जगह पहाड़ जैसा पेपर देकर जवाब से बचा जाता है।