राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 10 से 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर लगाई गई पाबंदी को सुप्रीम कोर्ट ने अस्थाई रूप से रोक दिया है। यह पाबंदी केंद्र और राज्य सरकारों के उस आदेश पर आधारित थी, जिसके तहत 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को “एंड ऑफ लाइफ” (End of Life) घोषित कर सड़क से हटाकर कबाड़ में बदलना अनिवार्य था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान सरकार से सवाल किया कि किन आधारों पर ऐसा कठोर कदम उठाया गया, जबकि लाखों वाहन मालिकों पर इसका सीधा आर्थिक असर पड़ रहा है। कोर्ट ने कहा कि जब तक इस नीति के वैज्ञानिक और सामाजिक पहलुओं पर स्पष्ट जवाब नहीं मिलता, तब तक यह आदेश लागू नहीं किया जाएगा।
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि कई वाहन अभी भी फिटनेस टेस्ट पास करने के बाद सड़क पर सुरक्षित रूप से चल सकते हैं, ऐसे में केवल आयु के आधार पर उन्हें कबाड़ बनाना उचित नहीं है। वहीं, सरकार ने अपने पक्ष में प्रदूषण नियंत्रण और सड़क सुरक्षा के तर्क रखे हैं।
यह आदेश NCR के दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद और आसपास के क्षेत्रों में उन वाहन मालिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जिनकी गाड़ियां पुराने वाहन नियम के दायरे में आ रही थीं। अब अगले आदेश तक वे अपने वाहन सड़क पर चला सकेंगे।