हरियाणा के जिला कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में राजस्थान के शिल्पकार सोने के पानी से बनी भगवान श्रीकृष्ण की पेंटिंग लेकर पहुंचे हैं। जिसकी लागत 1 लाख रुपये है, जबकि सोने के पानी से ही बनी छोटी पेंटिंग की कीमत मात्र 3 हजार रुपये है। सिल्वर फॉल पर कॉपर पॉलिश से बने एम्ब्रोज वर्क को विशेष तौर पर तैयार करके गीता महोत्सव में लाया गया है। वहीं यह आकर्षक पेंटिंग महोत्सव में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है। इन पेंटिंगस में भगवान श्रीकृष्ण के अलावा अन्य देवी-देवताओं और घोड़ों की पेंटिंग भी शामिल है।
गौरतलब है कि राजस्थान के शिल्पकार सोने के पानी से बनी हुई पेंटिंग अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में लेकर पहुंचे हैं, जो यहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हैं। राजस्थान के किशनगढ़ से शिल्पकार दलीप कोठारी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में सोने के पानी से बनी पेंटिंग तैयार करके लाए हैं। इस पेंटिंग की कीमत 3 हजार रुपये रखी गई है। हालांकि वह गीता महोत्सव जैसे मेलों में ऑर्डर मिलने पर सोने के पानी से बनी भगवान श्री कृष्ण की पेंटिंग को आर्डर पर तैयार करते हैं, जिसकी लागत लगभग 1 लाख रुपये आती है। अहम पहलू यह है कि महोत्सव में सिल्वर फॉल पर कॉपर पॉलिश से बने एम्ब्रोज वर्क को विशेष तौर पर लेकर आए हैं।

पर्यटकों के लिए 35 साल के अनुभव को पेंटिंग पर उकेरने का तुजुर्बा
शिल्पकार दलीप कोठारी ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में अपनी पेंटिंग और एम्ब्रोज वर्क को रखा है। इस बार एनजेडसीसी की तरफ से प्राईम लोकेशन पर स्टॉल उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने कहा कि वह पिछले 15 सालों से गीता महोत्सव में आ रहे है। इस महोत्सव में दूरदराज से आने वाले पर्यटक उनके वेल्वेट पर ऑयल कलर से बनी पेंटिंग्स को बहुत पसंद करते हैं।

दलीप ने बताया कि वह अपने 35 सालों के अनुभवों को पर्यटकों के लिए पेंटिंग पर उकेरने का काम करते हैं। इस महोत्सव में कुरुक्षेत्र और महाभारत से जुड़ी यादों को अपनी पेंटिंग्स में उकेरने का प्रयास किया है। इन प्रयासों में सोने के पानी से बनी भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की पेंटिंग्स से सबसे अलग है। इस पेंटिंग की कीमत 3 हजार रुपये रखी गई है।

कोठारी की पेंटिंग के पूरे देश में हैं कद्रदान
दलीप कोठारी का कहना है कि बीए द्वितीय वर्ष के दौरान पढ़ाई से मोह भंग होने के बाद परिजनों ने उनका ध्यान शिल्पकला की तरफ मोड़ दिया। तब से पूरे मन और चाव के साथ उन्होंने कमर्शियल आर्ट की तरफ विशेष फोकस रखा। वह तब से लेकर आज तक केवल चाहवानों के लिए ऑयल पेंटिंग बनाने का काम कर रहे हैं। उनकी पेंटिंग के पूरे देश में कद्रदान हैं और कई बार ऑर्डर पर सोने के पानी से बनी पेंटिंग बनवाते हैं।
उनका कहना है कि इन पेंटिंग की कीमत साइज के हिसाब से रखी जाती है। यह कीमत 35 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक भी हो सकती है। इस महोत्सव में एम्ब्रोज वर्क की कीमत 650 रुपये रखी गई है। यह वर्क घर की शोभा में चार चांद लगाने का काम करता है। हालांकि दूसरी वेल्वेट पर बनी पेंटिंग की कीमत 650 रुपये से लेकर 1 हजार रुपये तक की है।