• डीक्रस्ट यूनिवर्सिटी में स्विमिंग पूल निर्माण घोटाले की जांच शुरू
• वाटर फिल्टर में ₹23 लाख की गड़बड़ी का आरोप
• 6.5 करोड़ की लागत वाला पूल अब तक शुरू नहीं हो पाया
सोनीपत | 10 जून 2025: मुरथल स्थित दीन बंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीक्रस्ट) में बने स्विमिंग पूल के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार की जांच अब एंटी करप्शन ब्यूरो ने शुरू कर दी है। आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने मामले की गंभीरता को उजागर करते हुए जांच अधिकारियों को साक्ष्यों के साथ बयान दर्ज कराए और आरोपियों पर आपराधिक मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की।
कपूर ने बताया कि उन्होंने 3 अप्रैल 2021 को टोल फ्री नंबर पर शिकायत की थी, लेकिन चार साल बाद जांच शुरू होना राज्य सरकार की “ज़ीरो टॉलरेंस अगेंस्ट करप्शन” नीति को खोखला साबित करता है।
स्विमिंग पूल निर्माण के वर्क ऑर्डर के मुताबिक, प्रज्ञा मॉडल के 3 वाटर फिल्टर (₹10.82 लाख प्रति पीस) लगाए जाने थे। लेकिन मौके पर सिर्फ ₹3.20 लाख प्रति पीस की लोकल इमौक्स कंपनी के फिल्टर लगाए गए।
घपला आंकड़ों में:
- कागजों में खर्च: ₹32,86,522
- हकीकत में खर्च: ₹9,60,000
- घपला: लगभग ₹23 लाख
इस घोटाले की भनक लगते ही ठेकेदार की 40% पेमेंट रोक दी गई।
अन्य आरोप
- डीएनआईटी में भी मिलीभगत से चौगुने रेट तय किए गए।
- पीवीसी पाइप, पंप, वाल्व आदि पर बाजार दर से कई गुना ज्यादा भुगतान किया गया।
- स्विमिंग पूल का निर्माण लगभग ₹6.5 करोड़ में हुआ, लेकिन 5 वर्षों से अनुपयोगी पड़ा है और अब जर्जर अवस्था में है।
कपूर ने कहा कि तत्कालीन कार्यकारी अभियंता बलबीर श्योकंद ने इस घोटाले में प्रमुख भूमिका निभाई और शिकायत वापिस लेने के लिए उन पर दबाव भी बनाया। कपूर का दावा है कि अगर गंभीर जांच हो तो ₹1 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आएगा और कई वरिष्ठ अधिकारी जेल जाएंगे।