Haryana News : हरियाणा और राजस्थान के गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को श्रीराम हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। नारनौल की जिला अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीएन भारद्वाज ने सोमवार को यह फैसला सुनाया है। बता दें कि पपला गुरुग्राम जेल में बंद है, नारनौल जिला अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की। अदालत ने पपला गुर्जर पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं पपला को पहले भी कई मामलों में कोर्ट से सजा हो चुकी है और कई मामले अभी भी विचाराधीन हैं।
बताया जाता है कि जिस श्रीराम नाम के बुजुर्ग की हत्या के मामले में उसे सजा हुई, उसकी कहानी खौफनाक है। गैंगस्टर पपला ने श्रीराम को पुलिस सुरक्षा के बीच गोलियों ने भून दिया था। पपला पर डेढ़ साल के अंदर श्रीराम के अलावा उसकी बेटी बिमला, बेटे महेश और भांजे संदीप उर्फ फौजी की हत्या का आरोप है। बिहारीपुर निवासी श्रीराम गुर्जर अपने नाती संदीप की हत्या का गवाह था। इस वजह से श्रीराम गुर्जर को अपनी जान का खतरा था। पुलिस की तरफ से श्रीराम की जान को खतरा होने की वजह से दो सुरक्षाकर्मी भी दिए गए थे। इसके बावजूद 15 नवंबर 2015 को हथियार बंद बदमाशों ने घर पर हमला कर श्रीराम की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
अब इस मामले की नारनौल की जिला अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीएन भारद्वाज ने पपला गुर्जर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बता दें कि पपला गुर्जर ने खैरोली निवासी संदीप की दिसंबर 2014 में नारनौल कोर्ट के सामने हत्या करवा दी थी। इस हत्याकांड में संदीप के नाना श्रीराम गवाह थे। इसके बाद संदीप की मां बिमला की 21 अगस्त 2015 को हत्या कर दी थी।
महेंद्रगढ़ के ही बिहारीपुर गांव में रहने वाला बिमला का भाई महेश और पिता श्रीराम उसे लेने खैरोली गांव पहुंचे। श्रीराम अपनी बेटी बिमला को एंबुलेंस में लेकर नारनौल के लिए चल पड़े। महेश बाइक पर रवाना हुआ। पपला गुर्जर ने अपने साथियों के साथ मिलकर महेश को रास्ते में गुलावला गांव के पास रोक लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।
गवाह बनने पर 15 नवंबर 2015 की रात श्रीराम गुर्जर की रात करीब 12 बजे कमरे का दरवाजा तोड़कर अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। पपला गुर्जर के खौफ की कहानी उसके गुरु शक्ति पहलवान के कत्ल से शुरू हुई। 10 साल पहले तक महेंद्रगढ़ जिले के खैरोली गांव में रहने वाले विक्रम उर्फ पपला की पहचान सिर्फ एक पहलवान के रूप में थी। 4 फरवरी 2014 को उसके गुरु शक्ति पहलवान उर्फ दूधिया की खैरोली गांव में ही हत्या हो गई। हत्या का आरोप कुख्यात बदमाश सुरेंद्र उर्फ चीकू पर लगा।
बताया जाता है कि पपला को पता चला कि उसके गांव खैरोली में ही रहने वाले संदीप उर्फ फौजी ने शक्ति पहलवान की मुखबिरी की है। पुलिस ने शक्ति गुर्जर की हत्या में सुरेंद्र उर्फ चीकू के साथ संदीप को भी साजिश का हिस्सेदार मानते हुए गिरफ्तार कर लिया। उधर एक के बाद एक लगातार हो रही हत्याओं के बाद महेंद्रगढ़ पुलिस ने संदीप के नाना श्रीराम को पुलिस सिक्योरिटी मुहैया करवा दी।
इसके बावजूद 16 नवंबर 2015 को पपला गुर्जर ने अपने गैंग के साथ मिलकर बिहारीपुर गांव में धावा बोला और श्रीराम को घर में घुसकर गोली मार दी। इस वारदात के समय श्रीराम के घर में हथियारों से लैस 2 पुलिसवाले मौजूद थे, लेकिन वह कुछ नहीं कर पाए। पुलिस सुरक्षा में होने के बावजूद श्रीराम की हत्या हो जाने से पुलिस महकमे की चारों तरफ किरकिरी होने लगी।
इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई थी। साथ ही जब पुलिस पर दबाव बढ़ने लगा तो महेंद्रगढ़ सीआईए की टीम ने 12 फरवरी 2016 को पपला गुर्जर को काबू कर लिया था। लगभग डेढ़ साल बाद 5 सितंबर 2017 को पपला गुर्जर के साथी महेंद्रगढ़ कोर्ट में फायरिंग कर उसे पुलिस सुरक्षा से छुड़ाकर फरार हो गए। इसके बाद पपला साल 2020 में उस वक्त सुर्खियों में आया, जब उसे राजस्थान की बहरोड़ पुलिस ने पकड़ लिया।
बता दें कि उसी रात उसकी गैंग के 20 से ज्यादा बदमाशों ने बहरोड़ थाना में एके-47 से हमला कर पपला को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया। उसके बाद पपला इधर-उधर भागता रहा। आखिर में 28 जनवरी 2021 को राजस्थान पुलिस ने पपला गुर्जर को महाराष्ट्र से दबोच लिया। इसके बाद से ही पहले वह राजस्थान और हरियाणा की जेल में बंद हैं। श्रीराम मर्डर केस में उसे सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।