● भिवानी के लोहारू में कब्जा हटाने गई टीम के सामने दो भाइयों ने आत्मदाह की कोशिश की
● जमीन विवाद में हाईकोर्ट का आदेश आने के बावजूद कब्जाधारी पक्ष ने किया विरोध
● दोनों झुलसे भाइयों की हालत गंभीर, प्रशासन ने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया
Bhiwani Land Dispute: हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू में हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन द्वारा कब्जा हटाने की कार्रवाई के दौरान बड़ा हंगामा हो गया। पुलिस और प्रशासन की टीम के सामने ही कब्जाधारी पक्ष के दो भाइयों ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की। यह दर्दनाक घटना सोमवार को उस समय हुई, जब ड्यूटी मजिस्ट्रेट शेखर नरवाल और नायब तहसीलदार की अगुआई में पुलिसबल 7 एकड़ जमीन से कब्जा हटाने पहुंचा।
घटना का वीडियो सामने आया है, जिसमें दोनों भाई आग लगने के बाद भागते हुए दिख रहे हैं। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए आग बुझाने का प्रयास किया। एक भाई पास ही बनी पानी की टंकी में कूद गया, जबकि दूसरे को महिलाओं ने पानी और गीले कपड़ों की मदद से बचाने की कोशिश की। इसके तुरंत बाद पुलिस ने दोनों घायलों को सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें गंभीर हालत में भिवानी रेफर कर दिया गया।
20 साल से चल रहा जमीन विवाद
लोहारू में स्टेडियम से सटी 7 एकड़ जमीन को लेकर पिछले दो दशकों से विवाद चल रहा था। हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पक्ष के हक में फैसला सुनाया था, जिसके आधार पर प्रशासन ने कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की। कब्जाधारी पक्ष के लोगों ने इस फैसले का विरोध किया और बड़ी संख्या में मौके पर एकत्र हो गए। इनमें महिलाओं की भी भागीदारी रही। इसी दौरान विरोधस्वरूप दो भाइयों, सतबीर (42) और अशोक (30) ने आत्मदाह का प्रयास किया।
बिना नोटिस कब्जा हटाने का आरोप
घटना के बाद कब्जाधारी पक्ष के धर्मबीर ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि हाईकोर्ट की सुनवाई की अगली तारीख 8 अप्रैल तय थी, बावजूद इसके प्रशासन ने बिना किसी नोटिस के कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने यह भी बताया कि सतबीर के छह बच्चे हैं और उसकी तीन बेटियों की शादी 7 अप्रैल को होनी है। ऐसे में यह कार्रवाई उनके लिए बड़ी मुसीबत बन गई है।
प्रशासन ने दिया निष्पक्ष जांच का आश्वासन
SDM मनोज दलाल ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही कब्जा हटाने की कार्रवाई की जा रही थी। उन्होंने कहा कि किसी भी पक्ष के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा और कानून के दायरे में रहकर काम होगा। फिलहाल, इलाके में पुलिसबल तैनात कर दिया गया है ताकि कोई अप्रिय स्थिति न बने। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि 7 अप्रैल तक इस मामले में कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा, जिससे संबंधित परिवार को परेशानी न हो।