● पीड़ित परिवार ने कहा- पुलिस लुटेरों की जगह हमें टॉर्चर कर रही है, बयान बदलवाने का दबाव
● पुलिस ने कहा- न फिंगर प्रिंट मिले, न अश्लील वीडियो मिली, मामला संदिग्ध लग रहा है
Rewari assault case: महिला से अश्लील वीडियो बनवाने और लूटपाट के मामले में पीडि़तों ने अब पुलिस पर ही संगीन आरोप लगाए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के दावे की मानें तो हरियाणा के रेवाड़ी में घटे इस मामले में प्रभावितों का आरोप है कि पुलिस ने लुटेरों को पकड़ने की बजाय उन्हीं के परिवार के युवक को टॉर्चर किया और बयान बदलवाने का दबाव बनाया। अब पुलिस इस मामले की जांच भी कर रही है।
बता दें कि आरोप लगा था कि लुटेरों ने 3 अप्रैल की रात उनके घर में घुसकर महिलाओं के कपड़े उतरवाए, छेड़छाड़ की और अश्लील वीडियो बनाई। इसके बाद 18 तोले सोने के गहने लूट लिए।
पीड़ित एक युवक का कहना है कि पुलिस ने उसे CIA ऑफिस ले जाकर पानी और बिजली की तारें दिखाकर डराया और टांगे चीरने की धमकी दी। वहीं परिवार का आरोप है कि जिस युवक पर उन्हें शक था, वह पुलिस का मुखबिर है और उसे ही पुलिस अपने साथ लिए घूम रही है। परिवार ने यह भी बताया कि बदमाश सर्जिकल ग्लव्स पहनकर आए थे, जिससे कोई फिंगरप्रिंट न मिल सके।
पुलिस ने इस मामले को संदिग्ध बताया है। SP मयंक गुप्ता के अनुसार, परिवार के सदस्यों के बयान घटना के दिन से ही आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। पुलिस को किसी भी मोबाइल फोन से अश्लील वीडियो नहीं मिली। फॉरेंसिक जांच में केवल परिवार के ही फिंगर प्रिंट मिले हैं। साथ ही, घर में रखे दो महंगे आईफोन भी सुरक्षित पाए गए हैं, जिन्हें कोई लुटेरा नहीं छोड़ता।
पुलिस का कहना है कि परिवार का एक सदस्य पहले से जेवर चोरी से संबंधित केस में शामिल रहा है, जिससे घटना पर शक और गहराता है। हालांकि, SP ने यह स्पष्ट किया कि किसी को टॉर्चर नहीं किया गया, केवल पूछताछ की गई है।