हरियाणा के Sonipat में एक निजी अस्पताल में दाखिल महिला की किडनी निकालने के मामले में लगभग पांच महीने बाद डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। नागरिक अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने जांच में इसे डॉक्टर की लापरवाही का मामला माना है। महिला के पति ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने छल-कपट से उसकी किडनी चुराई और उसकी पत्नी को जान से मारने की कोशिश की। मामले की जांच सेक्टर-27 थाना पुलिस कर रही है।
सोनीपत डाकघर के पास राजेंद्र नगर निवासी आनंद ने बताया कि उसकी पत्नी, वीना रानी, लेफ्ट साइड की किडनी में पथरी की समस्या से परेशान थी। उसका इलाज टूलिप हॉस्पिटल सोनीपत में डॉक्टर गौरव सिंह रंधावा के पास चल रहा था। 27 अप्रैल को डॉक्टर ने बताया कि वीना की लेफ्ट किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी है और इसे तुरंत ऑपरेशन करके निकालना होगा।
डॉक्टर ने कहा कि अगर ऑपरेशन नहीं किया गया, तो वीना की जान खतरे में होगी। इस पर आनंद ने अपनी पत्नी को 29 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया। 1 मई को ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने आनंद को सूचित किया कि ऑपरेशन सफल रहा है।
जब आनंद अपनी पत्नी से मिलने ICU में गया, तो उसने देखा कि वीना कोई मूवमेंट नहीं कर रही थी। जब उसने डॉक्टर से शिकायत की, तो डॉक्टर ने गलती से बताया कि उन्होंने वीना की दोनों किडनी निकाल दी हैं।
परिवार का हंगामा
इस सूचना से आनंद और उसके परिवार में हड़कंप मच गया। आनंद की बहन मंजू ने डायल 112 पर कॉल करके पुलिस को घटना की जानकारी दी।
आनंद ने पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि डॉक्टर गौरव सिंह रंधावा, ऑपरेशन थिएटर स्टाफ और टूलिप अस्पताल प्रबंधन ने धोखाधड़ी और छल-कपट करके उसकी पत्नी की किडनी चुराई और जान से मारने की कोशिश की।
जांच और कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच के लिए नागरिक अस्पताल के डॉक्टरों का एक मेडिकल बोर्ड बनाया। बोर्ड की रिपोर्ट में डॉक्टर की लापरवाही साबित हुई है। सेक्टर 27 थाना के एसआई देवेंद्र ने बताया कि पुलिस ने रिपोर्ट मिलने के बाद आईपीसी की धारा 338 के तहत डॉक्टर रंधावा पर मामला दर्ज किया है। छानबीन जारी है और डॉक्टर को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।