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किसान नेता को अपने ही फोन से लग रहा डर, विदेशी साजिश!

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हरियाणा के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन अब एक महीने से भी ज्यादा समय तक जारी है, और इस बीच सरकार की ओर से उनकी मांगों पर कोई भी वार्ता या कदम नहीं उठाया गया है। किसान आंदोलन के बीच जब देशभर में ट्रैक्टर मार्च और रेल रोको जैसे विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, तो भी सरकार की तरफ से कोई बातचीत शुरू नहीं हुई है।

किसान नेता Abhimanyu Kuhad ने सिटी तहलका से खास बातचीत में बताया कि डल्लेवाल की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। पिछले दो दिन से उनका शरीर पानी भी नहीं ले पा रहा है, और उल्टी के माध्यम से यह बाहर आ रहा है। कुहाड़ ने डल्लेवाल की बॉडी रिपोर्ट को साझा करते हुए कहा कि सरकारी डॉक्टरों के अनुसार उनका बॉडी लेवल 5.8 है, जबकि प्राइवेट डॉक्टरों के अनुसार यह 6.8 है। सामान्य व्यक्ति का बॉडी लेवल 0.7 होता है। ऐसे में उनकी स्थिति बेहद चिंताजनक हो चुकी है, और सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए।

सरकार की लापरवाही, किसान नेता का आरोप

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अभिमन्यु कुहाड़ ने आरोप लगाया कि सरकार ने अब तक डल्लेवाल के अनशन पर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि किसानों ने सरकार को 4-5 चिट्ठियां भेजी हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं आया है। इसके बावजूद सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए। कुहाड़ ने यह भी कहा कि किसान अड़ियल नहीं हैं, बल्कि सरकार खुद अड़ियल बनी हुई है, और अब सरकार को जल्द से जल्द एमएसपी कानून बनाने की दिशा में काम करना चाहिए, खासकर जब एमपी से बनी कमेटी में सहमति बन चुकी है।

विदेशी कॉल्स से डरने का आरोप, कुहाड़ का जवाब

इसके अलावा, अभिमन्यु कुहाड़ पर यह आरोप भी लग रहा है कि वे विदेशी कॉल्स से डरने लगे हैं। इस पर कुहाड़ ने स्पष्ट किया कि उन्हें किसी भी विदेशी नंबर से कॉल आने पर डर नहीं लगता, बल्कि यह उनकी आदत है कि वे किसी भी अनजान विदेशी नंबर से कॉल नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि जब से वे सामाजिक जीवन में आए हैं, उन्होंने यह आदत बना ली है ताकि उन्हें यह न पता चले कि कॉल करने वाला कौन है।

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सरकार की चुप्पी पर गहरा सवाल

यह स्थिति यह दर्शाती है कि सरकार किसानों की आवाज को सुनने के लिए तैयार नहीं है, और किसानों की जान की कीमत पर राजनीति खेली जा रही है। क्या सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर कोई कदम उठाएगी, या फिर किसानों के संघर्ष को अनदेखा किया जाएगा?

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