केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर दिल्ली में किसानों की बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार किसानों के प्रति बेहद उदासीन है और उन्होंने कभी किसानों के हित में उचित निर्णय नहीं लिए।
मंत्री का गंभीर आरोप
पत्र में कृषि मंत्री ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल और आतिशी ने किसानों के हित में कभी सच्ची नीयत से काम नहीं किया। केजरीवाल सरकार ने चुनावों से पहले बड़ी-बड़ी घोषणाएं तो कीं, लेकिन सत्ता में आते ही जनहितैषी निर्णयों की जगह केवल अपनी राजनीतिक सुविधा के लिए कदम उठाए। कृषि मंत्री ने आरोप लगाया कि दिल्ली में 10 साल से आप की सरकार है, लेकिन इस दौरान किसानों के साथ केवल धोखा हुआ है।
केंद्र की योजनाओं को दिल्ली में लागू करने से बच रही आप सरकार
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजनाओं को दिल्ली में लागू नहीं किया गया, जिसके कारण दिल्ली के किसान केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह गए हैं। उन्होंने एकीकृत बागवानी मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, बीज ग्राम कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं का उल्लेख किया, जो दिल्ली के किसानों को नहीं मिल रही हैं।
कृषि मंत्री ने पत्र में लिखा कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा किसान कल्याण में बाधा नहीं बननी चाहिए। किसान कल्याण सभी सरकारों का कर्तव्य है और आप की सरकार को इससे ऊपर उठकर दिल्ली के किसानों के हित में निर्णय लेने चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार से अपील की कि वे केंद्र की योजनाओं को लागू करें और दिल्ली के किसानों को राहत प्रदान करें।

पत्र में यह भी बताया गया कि दिल्ली में ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरणों का पंजीकरण कमर्शियल व्हीकल श्रेणी में किया जा रहा है, जिससे किसानों को अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं। इसके अलावा यमुना से लगे गांवों में सिंचाई उपकरणों के बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट आ गया है।
शिवराज सिंह की चिट्ठी पर सीएम आतिशी का जवाब
आतिशी ने चिट्ठी के जवाबा में कहा है कि बीजेपी का किसानों के बारे में बात करना वैसे ही है जैसे दाऊद अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो। जितना बुरा हाल किसानों का बीजेपी के समय हुआ, उतना कभी नहीं हुआ है। पंजाब में किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं, मोदी जी से कहिए उनसे बात करें। किसानों से राजनीति करना बंद करें। बीजेपी राज में किसानों पर गोलियां, लाठियां चलाई गयी।