दिल्ली शराब घोटाला मामले में आरोपी आप सांसद संजय सिंह की जमानत और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा कि क्या संजय सिंह को और कुछ समय के लिए हिरासत में रखने की जरूरत है? इसके बाद संजय सिंह को जमानत दे दी गई।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा था कि अगर दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आप नेता संजय सिंह की हिरासत की जरूरत है तो लंच ब्रेक के बाद इससे उसे अवगत कराया जाए। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने कहा था कि आप नेता संजय सिंह 6 महीने जेल में बिता चुके हैं और उनके खिलाफ दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। इन आरोपों की जांच ट्रायल के दौरान की जा सकती है। वहीं पिछली सुनवाई में संजय सिंह के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुख्य गवाह दिनेश अरोड़ा ने पहले अपने 9 बयानों में संजय सिंह का नाम नहीं लिया था। सिंघवी ने कोर्ट में कहा था कि अप्रूवर की गवाही तब तक विश्वसनीय नहीं होती, जब तक उसकी पुष्टि न हो जाए।
बता दें कि 19 जुलाई 2023 को अप्रूवर बने दिनेश अरोड़ा के बयान में पहली बार संजय सिंह का नाम आया। यहां तक कि 164 के बयान में भी नाम नहीं लिया था। संजय सिंह ने ईडी के खिलाफ (मानहानि) शिकायत की और फिर ईडी ने बिना किसी समन के उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हाईकोर्ट ने 7 फरवरी को सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन निचली अदालत को सुनवाई शुरू होने पर इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया था। संजय सिंह दिल्ली से राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए हैं। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने संजय सिंह को मामले में 4 अक्तूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।