दिल्ली में भाजपा 3

मोदी युग में पहली बार भाजपा ने किया दिल्ली फतेह

दिल्ली

  • कांग्रेस का खाता फिर शून्य, लगातार तीसरी बार ‘जीरो’ की हैट्रिक
  • AAP की हार से बदलेगा विपक्षी INDIA गठबंधन का गणित?


BJP Victory Celebrations: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। 27 साल के लंबे इंतजार के बाद पार्टी ने राजधानी की सत्ता पर कब्जा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने पहली बार दिल्ली की फतेह की है, जो उसकी राष्ट्रीय राजनीतिक ताकत को और मजबूत करने वाला कदम साबित हो सकता है। इससे पहले, 2014 के बाद भाजपा ने 18 राज्यों में सरकार बनाई थी, लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) का मजबूत किला भाजपा के लिए हमेशा चुनौती बना रहा। इस बार, जनता ने भाजपा को स्पष्ट बहुमत देकर अरविंद केजरीवाल की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया।

संकट में AAP का वजूद, हार का झटका
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार का असर सिर्फ राज्य तक सीमित नहीं रहेगा। पंजाब में भी AAP की सरकार है, और दिल्ली में हार के बाद पार्टी की राष्ट्रीय राजनीति में पकड़ कमजोर हो सकती है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में फ्री बिजली-पानी और बेहतर शिक्षा के मॉडल के जरिए सत्ता पर पकड़ बनाए रखी थी, लेकिन इस बार यह फॉर्मूला काम नहीं आया। भ्रष्टाचार के आरोपों और भाजपा की आक्रामक रणनीति ने AAP के वोट बैंक को कमजोर किया।

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AAP की हार से INDIA गठबंधन की एकता भी प्रभावित हो सकती है। यह गठबंधन 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए बना था, लेकिन अगर आपसी सहयोगी दल ही राज्यों में हारने लगें, तो गठबंधन की रणनीति कमजोर हो सकती है। दिल्ली चुनावों के नतीजों से विपक्षी एकता पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

कांग्रेस की ‘जीरो की हैट्रिक’
दिल्ली में कांग्रेस के लिए यह चुनाव सबसे खराब साबित हुआ। पार्टी ने लगातार तीसरी बार शून्य पर सिमटकर नया रिकॉर्ड बना दिया। 1998 से 2013 तक दिल्ली की सत्ता में रहने वाली कांग्रेस का अब लगातार तीन चुनावों से खाता तक नहीं खुला। यह कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि दिल्ली में उसकी राजनीतिक स्थिति लगभग खत्म हो चुकी है।

कांग्रेस के कई बड़े नेता और स्टार प्रचारक अपने चुनावी क्षेत्र में भी प्रभाव नहीं छोड़ पाए। यह स्थिति बताती है कि पार्टी के पास न तो ठोस नेतृत्व है और न ही कोई ठोस रणनीति। अगर कांग्रेस ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो अन्य राज्यों में भी उसे ऐसे ही नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।

भाजपा की जीत के मायने
इस चुनाव में भाजपा ने जिस तरह से जीत दर्ज की है, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और भाजपा की संगठनात्मक क्षमता को दर्शाता है। भाजपा ने केजरीवाल सरकार की कमजोरियों को उजागर कर जनता को यह समझाने में सफलता पाई कि दिल्ली को बदलाव की जरूरत है।

दिल्ली जीतने के बाद भाजपा का ध्यान अब 2029 के लोकसभा चुनावों पर रहेगा। इस जीत से भाजपा के कार्यकर्ताओं और समर्थकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, जिससे आने वाले चुनावों में उसे फायदा मिल सकता है।

दिल्ली चुनाव के ये नतीजे राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस हार से AAP और कांग्रेस क्या सबक लेती हैं, और 2029 के चुनावों के लिए भाजपा किस तरह अपनी रणनीति को और मजबूत करती है।