कांग्रेस के नेता राहुल गांधी संसद में गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर विवाद के बीच सत्ता और विपक्ष के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की की घटनाएं बढ़ गई हैं। पुलिस में शिकायत भी दर्ज की गई है। बीजेपी के कई सांसदों ने राहुल गांधी के खिलाफ नई दिल्ली के पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
BJP की नागालैंड से सांसद फैनोंग कोन्याक ने राहुल गांधी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने उनके साथ बदसलूकी की और संसद भवन के अंदर उनके खिलाफ आक्रामक व्यवहार किया। कोन्याक एसटी समुदाय से आती हैं। इस मामले में सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी पर SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज हो सकता है?
हालांकि, राहुल गांधी का कहना है कि उन्हें संसद भवन में जाने से रोका गया और इस आरोप का खंडन करते हैं कि उन्होंने किसी के साथ मारपीट की है। विवाद के बाद राहुल गांधी चारों ओर से घिरे हुए नजर आ रहे हैं।
राहुल गांधी पर एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज होने की संभावना इस स्थिति पर निर्भर करेगी कि उनकी कार्रवाईयों को कानून द्वारा निर्दिष्ट बदसलूकी की श्रेणी में माना जाता है या नहीं।
- एससी/एसटी एक्ट: यह कानून अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ किए गए अपराधों को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए बनाया गया है। यदि राहुल गांधी की कार्रवाई को इस कानून के तहत बदसलूकी माना जाता है, तो पुलिस उन्हें आरोपी बना सकती है और गिरफ्तारी भी कर सकती है।
- आरोपों की गंभीरता: यदि कांग्रेस सांसद मुकेश राजपूत, प्रताप सारंगी और नागालैंड की महिला सांसद द्वारा लगाए गए आरोप सही पाये जाते हैं और उन्हें पुलिस द्वारा गंभीरता से लिया जाता है, तो राहुल गांधी पर जांच की जा सकती है।
हालांकि, यह अंतिम फैसला पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया पर निर्भर करेगा। केवल राजनीतिक दबाव या आरोपों के आधार पर जांच और गिरफ्तारी का निर्णय नहीं लिया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट के वकील रविशंकर कुमार का कहना है, “देखिए, इस मामले की स्थिति अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। अभी यह नहीं पता चला है कि राहुल गांधी पर एफआईआर दर्ज हुई है या नहीं। क्योंकि यह मामला संसद परिसर के अंदर का है, इसलिए पुलिस पहले सीसीटीवी फूटेज हासिल करेगी। अगर सीसीटीवी फूटेज में राहुल गांधी की गतिविधियाँ नजर आती हैं, तो लोकसभा अध्यक्ष की सहमति के बाद दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है।
जहां तक एसटी महिला सांसद की बात है, अगर वह शिकायत करती हैं, तो निश्चित रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (बीएनएस) के तहत पुलिस मामला दर्ज कर सकती है। इस पर अंतिम फैसला कानून और प्रक्रिया के अनुसार ही लिया जाएगा।”
राहुल गांधी के पास अब कई विकल्प हैं, क्योंकि इस विवाद ने काफी गंभीर मोड़ ले लिया है।
- समझौता और माफी: राहुल गांधी अपनी स्थिति को सुधारने और विवाद को शांत करने के लिए बीजेपी की महिला सांसद से व्यक्तिगत रूप से माफी मांग सकते हैं। यह कदम सार्वजनिक शांति बनाए रखने में मदद कर सकता है और कांग्रेस के प्रति संभावित राजनीतिक नकारात्मकता को कम कर सकता है।
- कानूनी प्रक्रिया का सामना करना: अगर महिला सांसद की शिकायत दर्ज होती है और पुलिस द्वारा जांच शुरू होती है, तो राहुल गांधी को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है। इसमें पुलिस जांच में सहयोग करना, सीसीटीवी फूटेज की जांच का समर्थन करना और अदालत में जवाब देना शामिल हो सकता है।
- राजनीतिक रूप से सक्रिय रहना: राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के लिए एक विकल्प यह भी हो सकता है कि वे इस मुद्दे को राजनीतिक बहस का हिस्सा बनाए रखें और अपने विरोधियों पर आरोप लगाएं। इस रणनीति के तहत वे आरोपों का खंडन कर सकते हैं और स्थिति को अपने पक्ष में राजनीतिकरण कर सकते हैं।
- अंतरिम राहत प्राप्त करना: राहुल गांधी न्यायिक राहत भी प्राप्त कर सकते हैं यदि उन्हें लगता है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप आधारहीन हैं या मामले की जांच का निष्पक्ष होना संभव नहीं है। वे न्यायपालिका से स्थगन या अंतरिम राहत प्राप्त कर सकते हैं।
इन विकल्पों के माध्यम से राहुल गांधी अपनी स्थिति को सुदृढ़ कर सकते हैं और इस विवाद के राजनीतिक और कानूनी परिणामों को कम कर सकते हैं।