➤ भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने रची सटीक रणनीति, जाल में फंसी पुलिस अधिकारी
➤ दिल्ली पुलिस मुख्यालय ने मांगी रिपोर्ट, पूर्व शिकायतों की भी हो रही जांच
पुलिस की महिला सब-इंस्पेक्टर नीतू बिष्ट को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti-Corruption Branch) ने नीतू बिष्ट को तब पकड़ा जब वह एक मामले में कथित राहत दिलाने के बदले रिश्वत की मोटी रकम ले रही थीं। टीम को पहले से पुख्ता सूचना थी कि बिष्ट एक व्यक्ति से भारी रकम ऐंठने की कोशिश कर रही हैं, जिसके बाद पूरी कार्रवाई सूझबूझ से रची गई योजना के तहत अंजाम दी गई।
इस कार्रवाई ने न सिर्फ दिल्ली पुलिस की छवि पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि भ्रष्टाचार पुलिस विभाग में किस स्तर तक पहुंच चुका है। नीतू बिष्ट को गिरफ्तार कर हिरासत में लिया गया है, जहां उनसे यह पूछताछ की जा रही है कि वह यह रकम किसके इशारे पर और किस उद्देश्य से ले रही थीं। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में बड़े खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि प्रारंभिक जांच में कुछ और नाम सामने आ रहे हैं जो इस सौदे से जुड़े हो सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो नीतू बिष्ट के खिलाफ पहले भी विभागीय अनियमितताओं की शिकायतें मिल चुकी थीं, लेकिन तब उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया था। अब जब 20 लाख जैसी बड़ी रिश्वत का मामला सामने आया है, यह मामला दिल्ली का है। दिल्ली पुलिस मुख्यालय ने तत्काल रिपोर्ट तलब कर ली है। साथ ही नीतू बिष्ट के पुराने ट्रैक रिकॉर्ड की भी बारीकी से जांच की जा रही है।
इस हाई-प्रोफाइल रिश्वतकांड से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली पुलिस के अंदर भी जवाबदेही की प्रक्रिया को सख्ती से लागू करना जरूरी है, ताकि आम जनता का पुलिस पर भरोसा बना रहे। विभागीय कार्रवाई की दिशा में भी आने वाले समय में कई बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं।