वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 फरवरी) को लगातार आठवां बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स दायरे से बाहर रखने का कदम उठाया, जिसे सरकार की ओर से आम लोगों, खासकर मध्य वर्ग को राहत देने के रूप में देखा जा रहा है।
बजट के बाद समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में, निर्मला सीतारमण ने इस बजट को ‘जनता के लिए, जनता का बजट’ करार दिया। उन्होंने कहा, “इस बजट में टैक्स छूट के विचार को प्रधानमंत्री मोदी का पूरा समर्थन था, लेकिन नौकरशाहों को इसे समझाने में काफी समय लगा।” उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का जिक्र करते हुए बजट 2025 को “जनता द्वारा, जनता के लिए” बताया।
मध्य वर्ग को मिली बड़ी राहत
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस बार विशेष रूप से मध्य वर्ग आयकर दाताओं के लिए कदम उठाए हैं। आयकर छूट की सीमा को सात लाख रुपये से बढ़ाकर सीधे 12 लाख रुपये सालाना करने को सरकार के ‘मध्य वर्ग’ वोट बैंक को सहेजने के रूप में देखा जा रहा है। इस निर्णय से आम करदाता के पास अतिरिक्त 1.1 लाख करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध होगी, जो घरेलू मांग को बढ़ाने में मदद करेगी।
12 लाख तक की छूट का कारण
जब वित्त मंत्री से पूछा गया कि 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स दायरे से बाहर रखने का निर्णय क्यों लिया गया, तो उन्होंने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मध्य वर्ग में अक्सर यह चर्चा होती है कि आखिर उन्हें क्या मिला? हम हर बार हर क्षेत्र के लोगों पर फोकस करते हैं। इस बार हमने देखा कि जो लोग 1 लाख रुपये प्रति माह कमाते हैं, उनका जीवन स्तर क्या है? वे कैसे रहते हैं और उनकी जीवनशैली कैसी है? इन्हें ध्यान में रखते हुए हमने निर्णय लिया कि 1 लाख रुपये महीना कमाने वालों को टैक्स छूट दी जाए।”