सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 7 नवंबर को जेट एयरवेज के शुरु होने की उम्मीद खत्म कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइन की परिसंपत्तियों को जब्त करके उन्हें बेचने से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल उसके कर्ज और देनदारियों को चुकाने आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि लिक्विडेशन इसके ऋणदाताओं और कर्मचारियों के हित में होगा, क्योंकि जालान-कालरॉक कंसोर्टियम मंजूरी के 5 साल बाद भी समाधान योजना को लागू करने में विफल रहा है।
बता दें कि आर्थिक संकट की वजह से जेट एयरवेज का ऑपरेशन 2019 से बंद है। उस वक्त एयरवेज पर कई बैंकों का 4783 करोड़ का कर्ज था। सबसे ज्यादा लोन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने दिया था। एयरलाइन के घाटे में जाने के बाद बैंकों ने दिवालिया की कार्रवाई शुरू की थी।
समाधान योजना के अनुसार जालान-कलरॉक कंसोर्टियम को 4783 करोड़ रुपए का भुगतान करना था। पहली किश्त में 350 करोड़ रुपए देने थे, जिसमें कंसोर्टियम 200 करोड़ रुपए ही दे पाई थी। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एनसीएलएटी, मुंबई को लिक्विडेटर की नियुक्ति का आदेश दिया है।