दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद Kejriwal की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। बता दें कि केजरीवाल को पहले ईडी ने अरेस्ट किया था, लेकिन उस मामले में जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने उन्हें जेल से ही गिरफ्तार कर लिया था।
जमानत के लिए दो याचिकाएं दायर की गई हैं। केजरीवाल के वकील सिंघवी का कहना है कि हमारी पहली याचिका गिरफ्तारी को चुनौती देने की है, जबकि दूसरी याचिका जमानत के लिए है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, सिर्फ बयान हैं। हालांकि CBI ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले से मिले पैसे से आम आदमी पार्टी को फायदा हुआ है। केजरीवाल शुरू से ही शराब नीति बनाने और लागू करने की साजिश में शामिल थे।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में मिल चुकी 3 बार जमानत
केजरीवाल के वकील सिंघवी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का उद्देश्य उन्हें जेल में ही रखना है और उन्हें जमानत मिलने से रोकना है। केजरीवाल समाज के लिए कोई खतरा नहीं हैं और उन्हें अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए। उन्होंने अदालत से कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 45 के सख्त प्रावधानों के बावजूद तीन बार जमानत मिल चुकी है। उन्होंने 10 मई और 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत आदेशों और 20 जून को PMLA (Prevention of Money Laundering Act) मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए नियमित जमानत का भी हवाला दिया। सिंघवी ने इन बातों का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल को जमानत दी जानी चाहिए।