➤पीएम नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को करेंगे UER-2 और द्वारका एक्सप्रेसवे के दिल्ली हिस्से का उद्घाटन
➤दिल्ली-NCR में यातायात सुगमता के लिए दोनों परियोजनाएं बेहद अहम
➤उद्घाटन के साथ ही राजधानी को मिलेगी ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस 15 अगस्त को राजधानी दिल्ली को एक बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारका एक्सप्रेसवे और यूईआर-2 (Urban Extension Road-2) के दिल्ली हिस्से का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। यह दोनों परियोजनाएं न केवल दिल्ली बल्कि पूरे एनसीआर क्षेत्र के लिए यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली हैं।
UER-2 और द्वारका एक्सप्रेसवे की खासियतें:
UER-2, दिल्ली का तीसरा रिंग रोड कहा जा रहा है। इसका निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा किया गया है, जो लगभग 75 किलोमीटर लंबा है। यह दिल्ली को गुरुग्राम, रोहिणी, द्वारका, नरेला और बाहरी इलाकों से जोड़ता है। इस सड़क के बन जाने से भारी वाहनों को दिल्ली के अंदर घुसने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे राजधानी में ट्रैफिक जाम में भारी कमी आने की संभावना है।
दूसरी ओर, द्वारका एक्सप्रेसवे दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाला आधुनिक हाईवे है। इसका दिल्ली वाला हिस्सा करीब 10 किलोमीटर लंबा है और इसमें अत्याधुनिक फ्लाईओवर, अंडरपास और ग्रेड सेपरेटर बनाए गए हैं। यह हाईवे दिल्ली एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ-साथ द्वारका, पालम, वसंत कुंज आदि इलाकों से सीधा संपर्क देगा।
यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव:
इन परियोजनाओं के उद्घाटन से दिल्ली-NCR के लाखों वाहन चालकों को राहत मिलने की उम्मीद है। खासकर ट्रांसपोर्टर्स, ऑफिस जाने वाले नागरिक और रोजाना यात्रा करने वाले लोग अब ट्रैफिक में कम समय बिताएंगे। साथ ही पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इससे वाहनों का स्टॉपेज टाइम कम होगा और प्रदूषण भी घटेगा।
सुरक्षा और टेक्नोलॉजी का समावेश:
दोनों हाइवे पर अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और आपातकालीन सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही मार्गों को पर्यावरणीय दृष्टि से हरा-भरा रखने के लिए भी हरियाली बढ़ाई जा रही है।
राजनीतिक और विकासात्मक दृष्टिकोण:
15 अगस्त के मौके पर इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन न केवल राजनीतिक तौर पर अहम है बल्कि यह सरकार की विकासवादी नीति का भी प्रतीक है। इससे साफ होता है कि केंद्र सरकार दिल्ली-NCR क्षेत्र के यातायात और शहरी व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।