गुरुग्राम लोकसभा सीट पर भाजपा(BJP) के उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह(Rao Inderjit) को उनकी ही पार्टी के 5 सीनियर नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। ये नेता गुरुग्राम के चुनावी मैदान में अलग-अलग तरीके से नजर आ रहे हैं। उनमें से अधिकांश ने पहले अलवर लोकसभा सीट के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भूपेंद्र यादव का समर्थन किया था, लेकिन अपने क्षेत्र में उनका प्रचार नहीं किया। जो रैलियों(Rallie) में जरूर चमक रहे है, लेकिन वोट(Vote) मांगने की भी खानापूर्ति(Khanapurthi) की जा रही हैं।
इसके बावजूद कुछ नेता मुख्यमंत्री मनोहर लाल की रैली में नजर आए, लेकिन उनके प्रतिस्पर्धी अभी तक प्रचार में नहीं शामिल हुए हैं। राव इंद्रजीत सिंह को भाजपा ने तीसरी बार गुरुग्राम सीट से प्रत्याशी बनाया है, लेकिन उनके चारों ओर की नेता से तनाव बढ़ रहा है। कांग्रेस में रहे हुए राव इंद्रजीत सिंह के खिलाफ सुधा यादव को उतारा गया है, जिन्होंने 1999 में उन्हें हराया था। इसके बावजूद उन्हें पार्टी द्वारा उम्मीदवार नहीं बनाया गया। इसके अलावा राव इंद्रजीत सिंह के साथ कुछ अन्य नेताओं के बीच भी मतभेद हैं, जिसके कारण उनका प्रचार अभियान प्रभावशाली नहीं हो रहा है।
इसके अतिरिक्त उनके विरोधी पार्टी के नेता राव नरबीर सिंह और भूपेंद्र यादव भी उनके प्रति असहमति प्रकट कर रहे हैं। ये सभी मामले गुरुग्राम सीट के लिए एक दिक्कत बना रहे हैं। चुनाव में अब राव इंद्रजीत सिंह के सामने कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर की चुनौती भी है। इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।