हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज(Former Haryana Cabinet Minister Anil Vij) की लोकसभा चुनाव के दौरान मीटिंग से दूरी पर कांग्रेस सवाल उठा रही है। जिसके बाद अनिल विज ने भी पत्रकारों द्वारा पूछे सवाल में कहा कि मेरी कोई नाराजगी नहीं है। अब मेरा कार्यक्षेत्र अंबाला कैंट विधानसभा है।
उन्होंने कहा कि अब मैं छोटा सा कार्यकर्ता हूं, मीटिंग में तो बड़े-बड़े लोग जाया करते हैं। अंबाला लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बंतो भी उनसे मिली थी। हमारे के लिए यह महत्व नहीं रखता कि टिकट किसको मिली है। हम ये मानते हैं कि लोकसभा की 543 सीटों से नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं और नरेंद्र मोदी को 400 सीटों दिलाकर लक्ष्य पूरा करना है। हमने कार्यकर्ताओं को कहा है कि अंबाला छावनी से पूरी ताकत लगाए कि कमल का खिले। कांग्रेस की टिप्पणी के बाद अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस को अपने बारे में सोचना चाहिए। जहां तक मेरी बात हैं, हरियाणा में मेरी पार्टी भाजपा की सरकार है। मैं कभी अपनी पार्टी से नाराज नहीं हो सकता, मैं उसी दिन से नियमित काम कर रहा हूं।

राजनीति में समय-समय पर कार्य क्षेत्र बदलते रहते हैं और अब मेरा कार्य क्षेत्र अंबाला कैंट है। मैं यहां से 6 बार का विधायक हूं। अब मैं यहां से काम कर रहा हूं। मीटिंग भी ले रहा हूं, लोगों से भी मिल रहा हूं। अनिल विज की बीजेपी से नाराजगी को अब कांग्रेस भुनाने में जुट गई है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर मुहिम छेड़ी है। हरियाणा कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल पर विज की नाराजगी पर लिखा था, वो इतना रूठे कि सनम ने मनाना ही छोड़ दिया। पूर्व गृह मंत्री अनिल विज के साथ उनकी पार्टी का ये रवैया आखिर क्यों है।

आजकल विज साहब का मूड रहता है खराब
कांग्रेस की ओर से इसे भाजपा की गुटबाजी बताया गया था। लिखा गया है, हरियाणा भाजपा की गुटबाजी की वजह से ही पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था खराब रही और आजकल विज साहब का मूड खराब रहता है। सरल भाषा में यह कहानी यह है कि हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के सवालों का सामना किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी से कोई नाराजगी नहीं है और वह अब अपने कामकाज में लगे हैं। उन्होंने अपने कामकाज के बारे में बताया कि वह अंबाला कैंट विधानसभा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।

कांग्रेस की ओर से समर्थन देने की हो रही कोशिश
उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में टिकट किसको मिला या नहीं, उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए विज्ञान के 400 सीटों पर विजय हासिल करना है और इसके लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं को काम में लगना चाहिए। अनिल विज ने कांग्रेस को भी सलाह दी कि वह अपने बारे में सोचे और भाजपा के साथ मिलकर काम करें। वह नाराजगी को भाजपा की गुटबाजी के रूप में देखते हैं, जो कांग्रेस की तरफ से उन्हें समर्थन देने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर भी अनिल विज के खिलाफ मुहिम चलाई है।







