Haryana में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के दो गुटों के नेता आपस में भिड़ गए। इस दौरान मौजूद पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया(Babariya) को गुलदस्ता(Bouquet) भेंट करना बताया जा रहा है। विवाद में जमकर(Fiercely) धक्का-मुक्की हुई। इस विवाद को शांत करने के लिए अन्य सीनियर नेताओं ने कदम उठाया। बाबरिया तोशाम में कांग्रेसी विधायक किरण चौधरी के एक कार्यक्रम में शांति बनाए रखने का आग्रह किया। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी इस विवाद को हल किया।
कार्यक्रम में बाबरिया ने कहा कि सभी को एकजुट होकर पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना चाहिए, न कि आपस में लड़ना चाहिए। उन्होंने सामान्य लोगों के बीच काम करने की भी बात कही। कार्यक्रम में उनका समर्थन देने वाले नेता ने उनकी गुलदस्ता के समर्थन में उनके साथ खड़े होने की भी जरूरत बताई। लोकसभा चुनाव के बारे में बाबरिया ने उत्साह दिखाया और कहा कि प्रदेश में 10 सीटें जीतने के साथ ही केंद्र में इंडी गठबंधन की सरकार बनेगी। कार्यक्रम में दीपक बावरिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने का आह्वान किया।

उन्होंने किसी भी तरह के मनमुटाव और कार्यकर्ताओं में आपसी सामंजस्य की कमी न रहने देने की भी बात कही। चुनावी गुटबाजी के समर्थन में कुछ नेताओं की नामांकन में बदलाव हुआ है। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा सिरसा में कुमारी सैलजा के नामांकन में नहीं गए। इसके अलावा कुछ अन्य नेताओं ने भी अपने कैंडिडेट्स के पक्ष में प्रचार किया।
चुनावी प्रचार में गुटबाजी का दोष
कांग्रेस की कमजोर कड़ियों में संगठन सबसे बड़ी कमजोरी है। संगठन को लेकर कांग्रेस ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। कुछ नेताओं की चुनावी प्रचार में गुटबाजी का दोष देखा जा रहा है। कुछ सीटों पर सिर्फ विशेष उम्मीदवारों के प्रचार पर ध्यान केंद्रित हो रहा है।