असम की डिब्रूगढ़ जेल(Assam Dibrugarh jail) में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल(Khalistani Amritpal) लोकसभा(Lok Sabha) चुनाव लड़ेंगे। अमृतपाल पंजाब की खड़ूर साहिब सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, उनके वकील राजदेव सिंह खालसा ने इसकी पुष्टि की है। अमृतपाल को पंजाब के मोगा से गिरफ्तार किया गया था और वह लगभग एक साल से जेल में बंद हैं। उन पर अजनाला में पुलिस थाने(Police Station) पर हमला और अलग देश खालिस्तान बनाने की योजना का मुकदमा चल रहा है।
जानकारी अनुसार वकील खालसा ने कहा कि 24 अप्रैल को मैंने अमृतपाल से मिला। जहां मैंने उन्हें खड़ूर साहिब से चुनाव लड़ने की सलाह दी। उसके बाद अमृतपाल ने इसे स्वीकार कर लिया। असम जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों अमृतपाल सिंह अपनी मां बलविंदर कौर की गिरफ्तारी के कारण चर्चा में आए थे। पुलिस ने उनके चाचा सुखचैन सिंह सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। इन लोगों का प्लान 8 अप्रैल 2024 को खालसा चेतना मार्च का आयोजन करने का था। इससे पहले ‘वारिस पंजाब दे’ का मुखिया खालिस्तानी अमृतपाल सिंह अजानला पुलिस थाने पर हमला करने के बाद मीडिया की सुर्खियां बना था।
जब पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए निकली तो पता चला कि वह फरार हो गए हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस लगभग एक महीने बाद उन्हें पकड़ने में सफल हुई थी। इसके बाद उन्हें असम के डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया था। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी लगाया गया था।
वारिस पंजाब दे के बने नए प्रमुख
बता दें कि अमृतपाल सिंह का जन्म 1993 में जल्लूपुर खेड़ा गांव में हुआ था। उन्होंने 12वीं कक्षा पास की और फिर दुबई चले गए। वहां उन्होंने ट्रांसपोर्ट व्यवसाय शुरू किया और 2022 में दीप सिद्धू की मौत के बाद ‘वारिस पंजाब दे’ के नए प्रमुख बन गए। उसके बाद से वे प्रशासन को चुनौती देने लगे और 2023 में एक पुलिस थाने पर हमला किया था।