Haryana मुख्यमंत्री नायब सैनी के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब उनके मंत्री पोर्टफोलियो(Portfolio List) के लिए दिल्ली तक लॉबिंग करने में लगे हुए हैं। इस बार सरकार में बनाए गए 7 राज्यमंत्रियों(स्वतंत्र प्रभार) की भी पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और पूर्व गृहमंत्री अनिल विज के महकमों पर नजर बनी हुई है।
बताया जा रहा है कि इस बार यह तय है कि सीएम सैनी बड़े महकमों को अपने पास ही रखेंगे। चर्चा है कि अनिल विज के गृह मंत्रालय के साथ ही दुष्यंत चौटाला के एक्साइज की जिम्मेदारी भी वह खुद देखेंगे। पूर्व सीएम मनोहर लाल ने अपने सेकेंड टर्म के कार्यकाल के दौरान वित्त विभाग अपने पास ही रखा था। लेकिन इस बार वित्ता की जिम्मेदारी डॉ. कमल गुप्ता को मिलने की संभावना है। संभावना है कि मंत्रियों के पोर्टफोलियो की लिस्ट शाम तक फाइनल कर दी जाए।

कंवरपाल गुर्जर को दिया जा सकता है वन विभाग
इस बार सरकार में कोई डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया है। इसलिए दूसरे नंबर पर कंवरपाल गुर्जर आते हैं। सीएम के बाद इन्होंने ही शपथ ग्रहण की थी। कैबिनेट मंत्रियों में वह सबसे पावरफुल माने जा रहे हैं। इनके पास पूर्व सरकार में वन विभाग था। साथ ही शिक्षा की भी जिम्मेदारी देख रहे थे। इस बार भी ये दोनों विभाग इन्हीं के पास ही रहेंगे।

मूलचंद शर्मा को दी जा सकी है परिवहन जिम्मेदारी
नायब की कैबिनेट में कंवरपाल गुर्जर के बाद मूलचंद शर्मा आते हैं। वह मनोहर सरकार में परिवहन विभाग के साथ माइनिंग की जिम्मेदारी देख रहे थे, लेकिन इस बार दुष्यंत चौटाला के लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी लेने के इच्छुक हैं। इसके लिए वह माइनिंग तक छोड़ने के लिए तैयार हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि ब्राह्मण चेहरा होने के कारण उनके विभागों में बदलाव नहीं किया जाएगा।

जेल और ऊर्जा मंत्री रहेंगे चौटाला
इस बार तीसरे नंबर पर कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला रखे गए हैं। पूर्व की सरकार में वह जेल और ऊर्जा मंत्री थे। इस बार भी ये दोनों महकमे उन्हें देने की तैयारी सीएम नायब सैनी कर रहे हैं।

वित्त विभाग संभालेंगे डॉ. कमल गुप्ता
कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल के पास सभी पुराने महकमे रहने की चर्चा है। हरियाणा के 100 करोड़ी घोटाले के बाद डॉ. बनवारी लाल से सहकारिता विभाग वापस लेने की तैयारी है। इसके बदले में उन्हें कोई दूसरा विभाग दिया जाएगा। छठे और आखिरी नंबर के कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को इस बार फाइनेंस मिनिस्टरी देने की चर्चा है। खट्टर सरकार में उनके पास शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग की जिम्मेदारी थी।