हरियाणा के सोनीपत(Sonipat) के भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली(Mohan Lal Badoli) को रोहणा गांव में विरोध का सामना करना पड़ा। किसानों(farmers) ने गांव में उनको काले झंडे(Black Flags) दिखाए। बाद में चौपाल में चल रहे कार्यक्रम में भी उनको भाग लेने से रोका गया। हालांकि इस दौरान ग्रामीणों में मोहनलाल समर्थकों में झड़प भी हुई। किसानों के जाने के बाद ही भाजपा प्रत्याशी चौपाल में ग्रामीणों को संबोधित कर सके। इससे पहले काफी देर तक यहां तनावपूर्ण माहौल रहा।
बता दें कि हरियाणा में जगह जगह भाजपा प्रत्यशियों का विरोध किया जा रहा है। मोहनलाल बड़ौली का इससे पहले जींद के नंदगढ़ गांव में भी विरोध हो चुका है। लोगों ने उनको वहां बोलने तक नहीं दिया था। हिसार में रणजीत चौटाला, जजपा नेता एवं पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, सिरसा के अशोक तंवर व रोहतक में डा. अरविंद शर्मा भी चुनाव प्रचार में लगातार अपने हलकों में विरोध झेल रहे हैं। हरियाणा के सोनीपत लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी मोहनलाल बड़ौली आज खरखौदा विधानसभा क्षेत्र के गांवों में दौरे पर थे।
मोहन लाल बड़ौली अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत गांव रोहणा पहुंचे थे। किसान यहां पहले ही उनके विरोध के लिए एकजुट थे। गांव में उनका काफिला पहुंचा, तो किसानों ने काले झंडे दिखाए और नारेबाजी की। किसान यूनियन के ब्लॉक प्रधान वेद प्रकाश गोपालपर की अध्यक्षता में यहां किसान पहुंचे थे। किसानों ने यहां मोहनलाल बड़ौली वापस जाओ के नारे लगाए।
चौपाल में भी नहीं दिया चढ़ने
इस दौरान प्रमुख तौर पर देशपाल दहिया, विकेश दहिया, युवा जिला प्रधान परवीन दहिया, बेदी छिनौली मुख्य रूप से हाजिर रहे। इन्होंने मोहन लाल को भाषण देने से भी रोका। आरंभ में तो उनको चौपाल में भी नही चढ़ने दिया। इन लोगों ने किसानों को मनाया बाद में खरखौदा ब्लॉक समिति के पूर्व अध्यक्ष राजबीर दहिया व मौजूदा अध्यक्ष सत्येंद्र उर्फ सते सहित कई लोगों ने किसानों को समझा दिया। इसके बाद विरोध करने वाले किसान अपना मांग पत्र सौंप कर चले गए। तब भाजपा प्रत्याशी मोहनलाल बडोली ने चौपाल में अपना भाषण दिया।
पीएम मोदी ने किसानों की आमदनी में किया इजाफा
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई के प्रधानमंत्री बनने से पहले किसानों को यातनाएं दी जाती थी। उन्होंने किसानों को पुराने कानून से राहत दिलाने का कार्य किया था और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आमदनी में इजाफा किया है। वे खुद किसान है और खुद खेती भी करते हैं, इसलिए वे किसानों के हित के लिए निरंतर आवाज उठाते रहेंगे। किसानों की जो मांगे हैं सत्ता आने पर उन मांगों को भी पूरा किया जाएगा।